Sanjay Raut News: महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने हिंदी अनिवार्यता वाला आदेश वापस ले लिया है. विपक्ष का दावा है कि उनके दबाव में आकर सरकार को अपने फैसले से पीछे हटना पड़ा. इस बीच उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने बिना नाम लिए महायुति सरकार पर निशाना साधा है.
संजय राउत ने कहा, "हम जब जब साथ आयेगें आपको पीछे हटना पड़ेगा. अब देखिये महाराष्ट्र में आगे-आगे होता क्या है." उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में ठाकरे एक ब्रांड है.
'ये मराठी की जीत'संजय राउत ने इससे पहले अपने एक्स हैंडल पर लिखा, "हिंदी लागू करने का सरकारी आदेश रद्द! यह मराठी एकता की जीत है. ठाकरे के एक साथ आने का डर. 5 जुलाई को संयुक्त मार्च अब नहीं होगा, लेकिन ठाकरे ब्रांड हैं! फडणवीस द्वारा लिया गया एक बुद्धिमानी भरा फैसला. बढ़िया."
नहीं होगी राज-उद्धव ठाकरे की रैलीवहीं संजय राउत ने रविवार (29 जून) को घोषणा की कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के संस्थापक राज ठाकरे की मौजूदगी में 5 जुलाई को मुंबई में होने वाला संयुक्त मार्च कार्यक्रम नहीं होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि महाराष्ट्र सरकार ने कक्षा 1 से 5 तक के लिए मराठी और अंग्रेजी के बाद तीसरी भाषा के रूप में हिंदी को शामिल करने के फैसले को रद्द कर दिया है.
राउत की घोषणा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के रविवार को मराठी छात्रों के हित को केंद्र में रखते हुए त्रिभाषी फॉर्मूले पर एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए पूर्व योजना आयोग के सदस्य नरेंद्र जाधव की अध्यक्षता में एक समिति के गठन की घोषणा के बाद हुई.
उन्होंने यह भी घोषणा की कि राज्य मंत्रिमंडल ने 16 अप्रैल और 17 जून को जारी दो सरकारी प्रस्तावों को रद्द करने का फैसला किया है, जिसमें कहा गया था कि राज्य सरकार ने मराठी भाषा को अनिवार्य और हिंदी को वैकल्पिक भाषा बनाया है. समिति ने रिपोर्ट तैयार करने के लिए तीन महीने का समय मांगा है.