शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को एक बार फिर भाजपा और महाराष्ट्र सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने निशिकांत दुबे के बयान को लेकर देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार को घेरा और कहा कि इन नेताओं को पहले जवाब देना चाहिए, उसके बाद ही वे राज ठाकरे के बयान पर प्रतिक्रिया देंगे.

संजय राउत ने आरोप लगाया कि, "निशिकांत दुबे का बयान केवल उनकी व्यक्तिगत राय नहीं है, बल्कि यह भाजपा की सोच को दर्शाता है. भाजपा के नेता मराठी लोगों को धमकाते हैं और पार्टी चुपचाप बैठी रहती है." उन्होंने कहा कि भाजपा और शिंदे गुट की चुप्पी इस बात का प्रमाण है कि वे भी ऐसे विचारों से सहमत हैं.

राउत ने डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस पर भी तीखा हमला करते हुए कहा, “सरकार घमंड में डूबी हुई है. मुख्यमंत्री को अपनी पार्टी में गुंडों की भर्ती बंद करनी चाहिए. कानून बनाकर या जीआर (सरकारी आदेश) निकालकर यह सुनिश्चित करें कि किसी भी अपराधी को पार्टी में नहीं लिया जाएगा.”

"दाऊद को भी बीजेपी में शामिल कर लेंगे"- राउत

उन्होंने यह भी कहा कि, “अगर दाऊद इब्राहिम भी भाजपा में शामिल हो जाए, तो वे उसे भी स्वीकार कर लेंगे. नासिक में जैसे केस वापस लिए गए, वैसे ही किसी दिन दाऊद और मेनन के भी केस खत्म कर दिए जाएंगे.” उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा में एक विधायक की हत्या की साजिश की जानकारी भी सामने आई थी, फिर भी आरोपी विधानसभा के दरवाजे पर खड़े होकर मारपीट कर रहे हैं.

मुंबई के मुद्दे पर बोलते हुए राउत ने कहा कि मराठी लोगों का इस शहर पर पहला अधिकार है. उन्होंने कहा कि “हिंदी थोपने की कोशिश मत कीजिए. पूरी मुंबई एक गुजराती उद्योगपति के हाथ में सौंप दी गई है. बिजली बिल तक गुजरात के व्यापारी वसूल रहे हैं, जबकि मुंबई का मराठी मजदूर कर्ज में डूबा हुआ है.” उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि गिरगांव चौपाटी पर मराठी लोगों को बुलाकर उन्हें यह समझाएं कि मुंबई उनका ही है.

राज ठाकरे के बयान का समर्थन करते हुए राउत ने कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा. “राज ठाकरे की चुनौती किसी ‘दुबे’ को नहीं, बल्कि भाजपा को है. एक आदमी मराठी लोगों को धमकी देता है और भाजपा नेता सिर झुकाकर बैठे रहते हैं. इस मुद्दे पर हम 100% एकजुट हैं.”

राउत ने बताया कि शुक्रवार को इंडिया गठबंधन की बैठक है, जिसमें उद्धव ठाकरे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लेंगे. अगस्त के पहले सप्ताह में उद्धव ठाकरे के संभावित दिल्ली दौरे को लेकर भी तैयारियां चल रही हैं, जहां वे INDIA गठबंधन के शीर्ष नेताओं से मुलाक़ात करेंगे.