Maharashtra News: केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने 'लव जिहाद' को रोकने के लिए महाराष्ट्र सरकार के कानून का मसौदा तैयार करने के कदम का रविवार (16 फरवरी) को विरोध किया. महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी संकल्प जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की अध्यक्षता वाली एक समिति 'लव जिहाद' और जबरन धर्मांतरण की शिकायतों से निपटने के लिए कदम सुझाएगी.

यह समिति कानूनी पहलुओं और अन्य राज्यों में बनाए गए कानूनों पर भी विचार करेगी तथा ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कानून बनाने की सिफारिश करेगी. केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री आठवले ने संवाददाताओं से कहा, "अंतर-धार्मिक विवाह को लव जिहाद कहना गलत है. धर्मांतरण रोकने के लिए प्रावधान होना चाहिए. सामाजिक और धार्मिक सौहार्द को बिगाड़ने से रोकने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए."

रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के प्रमुख ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सभी को समान मानते हैं और उन्होंने सभी के लिए कल्याणकारी उपाय शुरू किए हैं. मुसलमानों को भी फायदा हुआ है. प्रधानमंत्री मोदी कट्टरपंथी मुसलमानों के खिलाफ हैं, समुदाय के खिलाफ नहीं."

इससे पहले नागपुर में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि अंतर-धार्मिक विवाह में कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन धोखाधड़ी और पहचान छिपाकर विवाह करने वालों के खिलाफ कदम उठाए जाने की जरूरत है.

बता दें कि लव जिहाद को लेकर बनी कमेटी में महिला एवं बाल कल्याण विभाग के सचिव, अल्पसंख्यक विकास विभाग के सचिव, विधि एवं न्याय विभाग के सचिव, सामाजिक न्याय एवं विशेष सहायता विभाग के सचिव, गृह विभाग के सचिव तथा गृह विभाग (विधि) के सचिव सदस्य के रूप में शामिल होंगे. समिति का उद्देश्य राज्य की वर्तमान स्थिति का अध्ययन करना और 'लव जिहाद' के खिलाफ प्रभावी कदम उठाने के उपायों पर विचार करना है.

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