BMC चुनाव 2026 से पहले उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच गठबंधन लगभग तय हो गया है. सूत्रों द्वारा पता लगा था कि ठाकरे बंधु बुधवार, 24 दिसंबर को प्रेस कांफ्रेंस के जरिए अपने साथ आने का ऐलान करने वाले हैं. हालांकि, अब राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) की ओर से इस अलायंस पर ब्रेक लगाने की बात की जा रही है, जिससे विपक्षी गठबंधन दल में सियासी पारा हाई हो गया है. 

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दरअसल, मनसे का रुख है कि जब तक सीट शेयरिंग पूरी तरह से नहीं हो जाती और दोनों तरफ से आखिरी फैसला नहीं हो जाता, तब तक गठबंधन की घोषणा न की जाए. 

अभी भी चल रही है सीटों पर बात

दरअसल, उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी और राज ठाकरे की मनसे के गठबंधन की घोषणा कब होगी, इसको लेकर मनसे के सैनिक उत्सुक हैं. हालांकि, क्योंकि सीट शेयरिंग पर आखिरी बातचीत अभी भी चल रही है और कुछ सीटों पर अभी भी सहमति नहीं बन सकी है, इसलिए गठबंधन के ऐलान में कुछ देरी किए जाने की बात सामने आने लगी है.

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मतभेद सुलझाने के बाद ही हो गठबंधन की घोषणा- मनसे

सूत्रों का कहना है कि कुछ सीटों पर दोनों तरफ से अभी भी बातचीत चल रही है. जहां-जहां मतभेद हैं, वहां सुलझाने की कोशिश की जा रही है. इसलिए, MNS ने यह रुख अपनाया है कि जब तक यह मतभेद सुलझ नहीं जाता, तब तक गठबंधन की घोषणा नहीं की जाएगी.

ठाकरे भाइयों में कहां बन रही असहमति?

सूत्रों के जरिए अभी तक जो जानकारी मिली है उसके हिसाब से MVA में मुंबई के अमराठी विभागों पर चर्चा जारी है. मुंबई के घाटकोपर, कांदिवली, बोरिवली, मुलुंड जैसे अमराठी विभागों में क्या करना चाहिए, इसपर बातचीत चल रही है. वहीं, अब तक राज ठाकरे की मनसे को 65-70 सीटें दी गई हैं. वहीं, उद्धव ठाकरे के पास 145 से 150 सीटें रहने का अनुमान है. इसके अलावा, शरद पवार की एनसीपी एसपी को 10-12 सीटें मिल सकती हैं.