Mumbai Docters: मुंबई के कार्डियोथोरेसिक सर्जन एम्बुलेंस से चेन्नई जा रहे थे. इन्हें चेन्नई में लंग्स का ट्रांसप्लांट करना था. तभी रास्ते में उनकी गाड़ी हादसे का शिकार हो गई है. सर्जन और उनके साथ जा रही टीम घायल हो गई. महाराष्ट्र के पिंपरी-चिंचवड़ में एक ब्रेन डेड व्यक्ति के फेफड़ों को निकालने और एक मरीज की जान बचाने के लिए मुंबई के डॉ को चेन्नई पहुंचना था. लेकिन सड़क हादसे के बावजूद वो रुके नहीं और मरीज की जिंदगी को बचाने के किए आगे बढ़ते चले गए. डॉ. जाधव और एक अन्य डॉक्टर टीम के अधिकांश सदस्यों के घायल होने के बाद भी उन्होंने अपना सफर जारी रखा. इसके बाद वो एक बैकअप वाहन में चले गए जो एम्बुलेंस के पीछे चल रहा था और चेन्नई के लिए एक चार्टर विमान में चढ़ने के लिए हवाई अड्डे पर पहुंचे.


चेन्नई पहुंची टीम ने बचाई मरीज की जान
शाम करीब पांच बजे एंबुलेंस एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गई थी. हादसे के बाद मेडिकल टीम के कुछ सदस्य घायल ड्राइवर को अस्पताल ले जाने के लिए वहीं रुक गए. चार्टर फ्लाइट तय समय पर चेन्नई उतरी और रात करीब 8.30 बजे फेफड़े अपोलो अस्पताल पहुंचे. ट्रांसप्लांट मंगलवार देर रात करीब 1.30 बजे पूरा हुआ.


समय पर इलाज नहीं होता तो...
सर्जन ने उस मरीज का फेफड़ा ट्रांसप्लांट किया जो चेन्नई के अस्पताल में जीवन रक्षक प्रणाली पर था. बताया जा रहा है कि यदि सोमवार को ट्रांसप्लांट नहीं हुआ होता तो उसकी मौत हो गयी होती. वाहनों की टक्कर के बारे में बताते हुए सर्जन ने कहा कि वह एम्बुलेंस चालक के बगल में बैठे थे और उनके पैर, हाथ और सिर में चोटें आईं. “लेकिन हमने दुर्घटना को पीछे छोड़कर आगे बढ़ने का फैसला किया. मरीज पहले से ही ऑपरेशन टेबल पर था. काटे गए अंग का उपयोग करने के लिए हमारे पास अधिकतम 6-8 घंटे थे.”


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