Shankarrao Chavan Government Medical College and Hospital: बीते दिनों महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 मरीजों की मौत के मामले में अस्पताल के डीन श्यामराव वाकोड़े और अस्पताल के एक अन्य डॉक्टर पर आईपीसी की धारा 304 और धारा 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है. जिन 31 मरीजों की मौत हुई थी उनमें 16 बच्चे शामिल थे. मृतक के परिवार के तरफ से FIR दर्ज कराया गया है.


आईसीयू में 24 की क्षमता के मुकाबले 65 मरीज 
पीटीआई की एक खबर के अनुसार, महाराष्ट्र में नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में जब 30 सितंबर से एक अक्टूबर के बीच 11 शिशुओं की मौत हुई, उस समय नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में 24 बिस्तर की स्वीकृत क्षमता के मुकाबले कुल 65 मरीजों का इलाज किया जा रहा था. एक वरिष्ठ डॉक्टर ने मंगलवार को यह जानकारी दी. राज्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि 30 सितंबर से एक अक्टूबर के बीच 24 घंटे में नांदेड़ के डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 12 शिशुओं सहित 24 लोगों की मौत हो गई.


अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने मंगलवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जब 11 शिशुओं की मृत्यु हुई, उस समय एनआईसीयू में 24 बिस्तर की स्वीकृत संख्या के मुकाबले भर्ती मरीजों की संख्या 65 थी.  नांदेड़ के अस्पताल में बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ. किशोर राठौड़ ने इस बात से इनकार किया कि शिशुओं की मौत के पीछे दवा की कमी संभावित कारण थी. उन्होंने कहा, ‘‘एनआईसीयू में हुई 11 मौतों में से आठ मरीज (शिशु) दूसरे अस्पतालों से भेजे गये थे, जिन्हें बहुत ही गंभीर अवस्था में यहां स्थानांतरित किया गया था. उनका वजन एक किलोग्राम से कम था.’’ उन्होंने कहा कि इस अस्पताल में एक अन्य वार्ड - बाल चिकित्सा गहन चिकित्सा इकाई (पीआईसीयू) की क्षमता 31 बिस्तर की है, लेकिन ‘‘हम 32 मरीजों का इलाज कर रहे थे.’’


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