मुंबई में आज (19 दिसंबर) से तीन दिनों तक चलने वाला एशिया का मशहूर इलेक्ट्रॉनिक डांस म्यूजिक इवेंट सनबर्न म्यूजिक फेस्टिवल शुरू हो रहा है. यह पहली बार है जब सनबर्न का आयोजन गोवा से हटकर मुंबई में किया जा रहा है.
19 से 21 दिसंबर तक शिवड़ी के इन्फिनिटी बे में होने वाले इस फेस्टिवल को लेकर जहां संगीत प्रेमियों में उत्साह है, वहीं दूसरी ओर हिंदू संगठनों और नशा-विरोधी संगठनों का तीखा विरोध भी सामने आ रहा है. जगह-जगह प्रदर्शन, नारेबाजी और प्रशासन से कार्यक्रम रद्द करने की मांग की जा रही है.
सनबर्न फेस्टिवल को एशिया का सबसे बड़ा EDM फेस्टिवल माना जाता है. आयोजकों के अनुसार इस साल इसमें डेविड गुएटा जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के बड़े कलाकार शामिल होंगे और देश-विदेश से हजारों युवा इसमें हिस्सा लेने पहुंचेंगे. मुंबई में पहली बार इस आयोजन के कारण शहर में पहले से ही सुरक्षा और ट्रैफिक को लेकर तैयारियां की गई हैं.
नशीली संस्कृति और सामाजिक असर को लेकर आपत्ति
विरोध कर रहे हिंदू संगठनों और ‘नशा-विरोधी संघर्ष अभियान’ का कहना है कि सनबर्न फेस्टिवल सिर्फ एक म्यूजिक इवेंट नहीं, बल्कि नशीली दवाओं की संस्कृति को बढ़ावा देने वाला आयोजन बन चुका है.
उनका आरोप है कि पिछले वर्षों में हुए सनबर्न आयोजनों में नशीले पदार्थों की जब्ती, युवाओं की तबीयत बिगड़ने और यहां तक कि मौतों की घटनाएं भी सामने आई हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ऐसे आयोजनों से युवा पीढ़ी गलत रास्ते पर जा रही है और महाराष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान को नुकसान पहुंचता है.
शिवड़ी में हल्लाबोल, रद्द करने की मांग
18 दिसंबर को शिवड़ी में नशा-विरोधी संघर्ष अभियान के बैनर तले बड़ा जन आंदोलन किया गया. इसमें युवा, राष्ट्रप्रेमी नागरिक और विभिन्न हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में शामिल हुए.
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि गोवा और पुणे से विवादों के चलते हटाए गए इस फेस्टिवल को मुंबई में आयोजित करना गलत फैसला है. उनका आरोप है कि यह आयोजन नशाखोरी, अश्लीलता, युवाओं की मौतों और टैक्स चोरी जैसे मामलों के लिए बदनाम रहा है. इसी आधार पर उन्होंने सनबर्न फेस्टिवल को तुरंत रद्द करने की मांग की.
महाराष्ट्र के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन
सनबर्न के खिलाफ विरोध सिर्फ शिवड़ी तक सीमित नहीं है. पिछले एक सप्ताह से दादर, वाशी, नेरुल, वसई और विरार में भी प्रदर्शन किए जा रहे हैं. मुंबई के अलावा नवी मुंबई, ठाणे, रायगढ़ और पालघर जिलों में भी इस आयोजन को लेकर नाराजगी देखी जा रही है.
आयोजकों को कानूनी नोटिस, 72 घंटे का अल्टीमेटम
सनबर्न फेस्टिवल को लेकर मामला अब कानूनी मोर्चे तक पहुंच गया है. नशा-विरोधी संघर्ष अभियान की ओर से एडवोकेट पूनम दिलीप जाधव ने मुंबई हाईकोर्ट के एडवोकेट प्रथमेश गायकवाड़ के माध्यम से आयोजकों को कानूनी नोटिस भेजा है.
इस नोटिस में कहा गया है कि यह आपत्तियां किसी अफवाह या अनुमान पर नहीं, बल्कि सनबर्न के पिछले आयोजनों के दौरान दर्ज हुई मौतों, मेडिकल इमरजेंसी, नशीली दवाओं से जुड़े मामलों और भीड़ प्रबंधन की विफलताओं पर आधारित हैं.
नोटिस में यह भी गंभीर सवाल उठाया गया है कि प्रस्तावित कार्यक्रम में 16-17 वर्ष के नाबालिगों को प्रवेश देने का फैसला बेहद खतरनाक है. इसे जुवेनाइल जस्टिस एक्ट और एनडीपीएस कानून के खिलाफ बताया गया है.
इसके अलावा आयोजकों पर यह आरोप भी लगाया गया है कि उन्होंने अब तक स्ट्रक्चरल सेफ्टी ऑडिट, भीड़ प्रबंधन योजना, मेडिकल तैयारी, पर्यावरण प्रभाव आकलन और पुलिस अनुमति से जुड़े जरूरी दस्तावेज सार्वजनिक नहीं किए हैं, जबकि टिकटों की बिक्री जारी है.
प्रशासन और एजेंसियों को भी भेजी गई कॉपी
कानूनी नोटिस की कॉपी मुंबई पुलिस आयुक्त, नार्कोटिक्स विभाग, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल और बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी को भी भेजी गई है. नोटिस में चेतावनी दी गई है कि अगर 72 घंटों के भीतर पूरी कार्ययोजना सार्वजनिक नहीं की गई, तो मुंबई हाईकोर्ट में कार्यक्रम पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की जाएगी.