Maharashtra Crime News: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. यहां पर एक महिला वकील ने पुलिस में अपने ससुराल वालों और अन्य लोगों पर रेप, काला जादू प्रथाओं और घरेलू हिंसा की शिकायत की थी. उस पीड़ित महिला को एक महिला कांस्टेबल ने सरकारी अस्पताल में उसकी मेडिकल जांच के लिए लगभग 2 किलोमीटर तक चलने के लिए मजबूर किया. पीड़िता के वकील ने मंगलवार को यह जानकारी दी. एडवोकेट नितिन सतपुते ने कहा कि पीड़िता ने अपने एनआरआई पति, एक तांत्रिक, उसके देवर और अन्य रिश्तेदारों के खिलाफ कथित तौर पर शादी के बाद से बार-बार रेप, यातना और अन्य प्रकार के दुर्व्यवहार के लिए रेप की शिकायत दर्ज कराई थी.


मुंबई पुलिस पर लगे आरोप


वकील ने आगे कहा कि यहां तक कि भोईवाड़ा पुलिस ने कुछ दिन पहले उसकी शिकायत भी दर्ज की थी, लेकिन काफी प्रयास करने के बाद मंगलवार को परेल के केईएम अस्पताल में उसका मेडिकल टेस्ट किया गया. एक महिला कांस्टेबल ने उससे टैक्सी का किराया मांगा, जो बॉम्बे हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने वाली वकील पीड़ित महिला के पास नहीं था. इसलिए महिला कांस्टेबल ने उसे वहां से 2 किमी पैदल चलाकर बीएमसी के केईएम अस्पताल में मेडिकल जांच कराया. वकील ने कहा कि वह जानना चाहते थे कि इस तरह की रेप पीड़ितों के लिए निर्भया वाहन कहां हैं. पीड़िता के वकील सतपुते ने मामले को पुलिस उपायुक्त (जोन चार) प्रवीण मुंढे के संज्ञान में लाया है, अब पुलिस की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं.


बता दें कि देश में दोबारा निर्भया जैसी दरंदगी न हो इसके लिए निर्भाय फंड की शुरूआत की गई थी. निर्भया फंड केंद्र सरकार द्वारा घोषित एक राशि है. इससे देशभर के पुलिस बलों को संसाधन उपलब्ध कराए जाते हैं ताकि पुलिसकर्मियों को महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध से निपटने में मदद मिल सके. महाराष्ट्र में इससे पहले भी निर्भया फंड को लेकर सवाल उठ चुके हैं.


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