Manoj Jarange Patil: मनोज जरांगे ने अपना अनशन खत्म कर दिया है. महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने उनकी सभी मांगों को मान लिया है. मराठा आरक्षण का चेहरा बने मनोज जरांगे का एक बयान सामने आया है जहां उन्होंने कहा है कि, "पिछले 70 वर्षों में यह पहली बार है कि मराठा समुदाय को आरक्षण के लिए मजबूत कानून मिला है. हमने मुंबई तक मार्च करने की योजना बनाई थी. जब हमें आरक्षण का प्रमाण पत्र मिल जाएगा तो हम विजय रैली करेंगे और उस दिन को महा दिवाली के रूप में मनाया जाएगा..."


समुदाय के सदस्यों के खिलाफ दर्ज होंगे वापस
मराठा नेताओं ने कहा कि सरकार ने 6 महीने लंबे आंदोलन के दौरान समुदाय के सदस्यों के खिलाफ दर्ज सभी पुलिस मामले वापस लेने का भी फैसला किया है. जब महाराष्ट्र सरकार का ये फैसला आया तब नवी मुंबई में इकट्ठा हुए लाखों मराठा लंबे अभियान की सफलता पर ढोल बजाते, नाचते-गाते, एक-दूसरे को गले लगाते, 'फुगाड़ी' के साथ पैर हिलाते, मिठाइयां बांटते और बधाई देते हुए सुबह जश्न में डूब गए.


मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने दी चेतावनी
कोटा कार्यकर्ता मनोज जारांगे ने मराठों के लिए कुनबी जाति प्रमाण पत्र पर महाराष्ट्र सरकार की मसौदा अधिसूचना को बुधवार से लागू करने की मांग की और उनकी मांग पूरी नहीं होने पर 10 फरवरी से आमरण अनशन शुरू करने की चेतावनी दी. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कुनबी प्रमाण पत्र वाले मराठों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में कोटा लाभ प्राप्त करने की अनुमति देने के लिए अधिसूचना को कानून में बदलने के लिए राज्य विधानमंडल का एक विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए. अब मनोज जरांगे के इस बयान पर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे क्या कहते हैं ये देखना होगा.


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