महाराष्ट्र विधान परिषद सदस्य पद और कांग्रेस से इस्तीफा देकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने के एक दिन बाद प्रज्ञा सातव ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने विकास के हित में ही पाला बदला है. उन्होंने हालांकि इस बात पर जोर दिया कि ‘सोनिया गांधी और राहुल गांधी हमेशा उनके आदर्श रहेंगे’. प्रज्ञा ने दावा किया कि वह बिना किसी शर्त के बीजेपी में शामिल हुई हैं.
दिवंगत राजीव सातव की पत्नी प्रज्ञा सातव बृहस्पतिवार को बीजेपी में शामिल हुई थीं. इस दौरान बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण और राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले भी मौजूद थे.
राजीव सातव को कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का करीबी माना जाता था. आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के बीच प्रज्ञा का पाला बदलना कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है.
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उन्होंने मुंबई से लौटने के बाद कहा, “मैं राजीव सातव के विकास के सपने को साकार करने के लिए बीजेपी में शामिल हुई हूं. मैं बीजेपी में केवल विकास के एजेंडे के लिए ही शामिल हुई हूं. कलमनुरी में सिंचाई और किसानों से संबंधित मुद्दों में काफी काम रुका हुआ है.'
राजीव सातव 2009 में हिंगोली जिले के कलमनुरी से विधायक थे. वे 2014 में हिंगोली से लोकसभा सदस्य भी रहे. उनका निधन मई 2021 में हुआ.
'कांग्रेस ने ही मुझे विधान परिषद का सदस्य...'
प्रज्ञा ने कहा कि समृद्धि एक्सप्रेसवे की वजह से उन्हें मुंबई से हिंगोली जल्दी वापस आने में मदद मिली. समृद्धि एक्सप्रेसवे, मुंबई और विदर्भ के नागपुर के बीच एक नियंत्रित पहुंच वाला कॉरिडोर है, जिसे अक्सर देवेंद्र फडणवीस सरकार की प्रमुख अवसंरचना परियोजनाओं में से एक बताया जाता है.
विधान परिषद की पूर्व सदस्य ने कहा कि उन्होंने इस तरह के विकास में योगदान देने के लिए भारतीय जनता पार्टी के साथ हाथ मिलाया है.
उन्होंने कांग्रेस से सब कुछ मिलने के बावजूद सत्ताधारी गठबंधन में शामिल होने को लेकर पार्टी नेताओं द्वारा की जा रही आलोचना पर कहा, “मैं मानती हूं कि कांग्रेस ने ही मुझे विधान परिषद का सदस्य बनाया. सोनिया गांधी और राहुल गांधी हमेशा मेरे आदर्श रहेंगे.'