महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार में खेल एवं युवा कल्याण व अल्पसंख्यक मंत्री रहे एनसीपी नेता माणिकराव कोकाटे को शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई. अदालत ने 1995 के धोखाधड़ी और जालसाजी मामले में माणिकराव को जमानत दे दी है, लेकिन उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.

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न्यायमूर्ति आरएन लड्ढा ने आदेश में कहा कि अदालत दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगा सकती, क्योंकि प्रथम दृष्टया सबूत राकांपा नेता की मामले में संलिप्तता की ओर इशारा करते हैं. कोकाटे पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए सरकारी योजना में झूठा हलफनामा दाखिल कर फ्लैट हासिल करने का आरोप है.

हाईकोर्ट ने पाया किया कि मजिस्ट्रेट अदालत ने कोकाटे को केवल दो वर्ष कारावास की सजा सुनाई और वह सत्र न्यायालय में मुकदमे और अपील की सुनवाई के दौरान जमानत पर थे, इसलिए उच्च न्यायालय उन्हें जमानत देने के पक्ष में है. अदालत ने कहा कि सजा स्थगित करने की अर्जी को स्वीकार किया जाता है। याचिकाकर्ता को एक लाख रुपये की जमानत राशि जमा करनी होगी.

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न्यायमूर्ति लड्ढा ने सत्र न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ कोकाटे की पुनरीक्षण याचिका को भी सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया, जिसमें उनकी दोषसिद्धि को बरकरार रखा गया था. अदालत ने दोषसिद्धि पर रोक लगाने की कोकाटे की याचिका पर कहा कि किसी आपराधिक मामले में दोषी ठहराए गए व्यक्ति को केवल निलंबित सजा के आधार पर (कैबिनेट पद पर) रहने देना सार्वजनिक सेवा के लिए गंभीर और अपूरणीय क्षति होगी.

इससे पहले माणिकराव कोकाटे ने गुरुवार (18 दिसंबर) को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इसको लेकर उनकी पार्टी के मुखिया और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के मंत्री और मेरे सहयोगी माणिकराव कोकाटे ने न्यायालय के फैसले के बाद मुझे अपना इस्तीफा सौंप दिया है. 

'हम विधि के शासन के प्रति दृढ़ विश्वास रखते हैं'

अजित पवार ने आगे कहा कि हमारे दल की इस दीर्घकालिक विचारधारा के अनुरूप कि विधि का शासन सर्वोपरि है और सभी व्यक्तियों से ऊपर है, उनका इस्तीफा सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि हमारा दल हमेशा से मानता आया है कि सार्वजनिक जीवन संवैधानिक नैतिकता, संस्थागत अखंडता और न्यायपालिका के प्रति सम्मान द्वारा निर्देशित होना चाहिए. हम विधि के शासन के प्रति दृढ़ विश्वास रखते हैं और लोकतांत्रिक मूल्यों और जनविश्वास को बनाए रखने के लिए कार्य करना जारी रखेंगे.

5 बार के विधायक हैं कोकाटे

बता दें कि माणिकराव कोकाटे नाशिक जिले की सिन्नर विधानसभा सीट से पांच बार के विधायक हैं और उनका राजनीतिक निष्ठा बदलने का इतिहास रहा है. उन्हें दो साल की जेल की सजा सुनाई गई थी.