Maharashtra Love Jihad Case: समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख ने मांग की है कि 'लव जिहाद' मामले की शिकायत को लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा गठित 'अंतरधार्मिक विवाह-परिवार समन्वय समिति' को रद्द किया जाना चाहिए. विधायक शेख ने ऐसा पत्र उपमुख्यमंत्री अजित पवार और संबंधित विभाग की मंत्री अदिति तटकरे को दिया. लोढ़ा ने दावा किया, ''राज्य में लव जिहाद के एक लाख से ज्यादा मामले हैं.'' हालांकि, आरटीआई से पता चला है कि समिति को अब तक केवल 402 शिकायतें ही मिली हैं. विधायक रईस शेख ने मांग की है कि 'लव जिहाद' मामले में बनाई गई कमेटी को रद्द किया जाए. 


सपा विधायक ने क्या कुछ कहा है?
ABP माझा के अनुसार, पत्र में कहा गया है कि ''सरकारी एवं गैर सरकारी सदस्यों की अंतरधार्मिक विवाह एवं परिवार समन्वय समिति (राज्य स्तरीय) महिला एवं बाल विकास की अध्यक्षता में नियुक्त की गई है. आपका सदैव यह रुख रहा है कि अन्याय मुस्लिम और अल्पसंख्यक समुदायों के साथ ऐसा नहीं किया जाएगा. हालांकि, कम संख्या में प्राप्त शिकायतों से यह स्पष्ट है कि उक्त समिति के गठन में तत्कालीन महिला एवं बाल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा की मंशा एक विशेष के बारे में गलतफहमी पैदा करने की थी.


समुदाय में धार्मिक कलह बढ़ाना, जानबूझकर अल्पसंख्यक समुदाय को परेशान करना और विभाग द्वारा गलत नीतियों को लागू करना. विधायक रईस शेख ने अपने पत्र में कहा है कि किसी विशेष समुदाय को बदनाम करना महाराष्ट्र जैसे प्रगतिशील परंपरा वाले राज्य को शोभा नहीं देता है.


क्या लोढ़ा ने दी थी झूठी जानकारी?
साथ ही तत्कालीन महिला एवं बाल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने 8 मार्च 2023 को विधानसभा में बोलते हुए कहा था कि राज्य में 'लव जिहाद' के 1 लाख मामले और अंतर-धार्मिक विवाह के 3 हजार 693 मामले थे. मंत्री का यह बयान निराधार और बिना किसी औचित्य के है. यह उजागर किया गया है कि यह एक सामाजिक समूह के बारे में गलतफहमी पैदा करके एक विशेष समुदाय को बदनाम करने के इरादे से दिया गया था. इस संबंध में मैंने स्वयं महिला एवं बाल विकास आयुक्त, पुणे से अंतर-धार्मिक विवाह-परिवार समन्वय समिति को प्राप्त शिकायतों के संबंध में जानकारी मांगी थी.


समिति को कितनी शिकायतें मिली थी?
उन्होंने बताया है कि इस समिति को प्राप्त शिकायतों की संख्या 'संपूर्ण' है. साथ ही आरटीआई के तहत मिली जानकारी के मुताबिक, स्थापना के बाद से समिति की सिर्फ 3 बैठकें ही हुई हैं. इस समिति को कुल 402 शिकायतें प्राप्त हुई हैं. इसमें हिंदू-मुस्लिम धार्मिक जोड़ों के साथ-साथ अन्य धार्मिक जोड़े भी शामिल हैं. अत: इस पत्र के माध्यम से मेरा आपसे अनुरोध है कि सरकार द्वारा उक्त समिति एवं इस संबंध में लिये गये निर्णय को तत्काल रद्द करने की घोषणा करें. विधायक शेख ने यह भी कहा है कि मुझे आशा है कि आप अपने स्वाभाविक स्वभाव के अनुरूप कड़ा रुख अपनाएंगे कि अल्पसंख्यक समुदाय के न्याय अधिकारों की रक्षा की जाएगी. 


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