Maharashtra News: महाराष्ट्र में 18वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को महादजी शिंदे राष्ट्रीय गौरव अवार्ड से सम्मानित किया गया. एकनाथ शिंदे को यह अवार्ड एनसीपी (एसपी) प्रमुख और 98वें ऑल इंडिया मराठी लिट्रेरी कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन शरद पवार ने दिया, जिसके बाद से पक्ष और विपक्ष में सियासी घमासान तेज हो गया है.  

दरअसल, शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने डिप्टी सीएम शिंदे को महादजी शिंदे राष्ट्रीय गौरव अवार्ड पर कहा, "क्या आप जानते हैं कि यह पुरस्कार किसने दिया? राजनीतिक नेताओं को दिए जाने वाले ऐसे पुरस्कार या तो खरीदे जाते हैं या बेचे जाते हैं." वहीं संजय राउत के इस बयान पर बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पलटवार किया है.

सिंधिया ने किया पलटवारसिंधिया ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर ट्वीट कर कहा, "मराठा समाज सब देख रहा है. बाला साहेब ठाकरे के आदर्शों को ठुकराकर, न सिर्फ हिंदुत्व बल्कि मराठा स्वाभिमान का अपमान करने वाले लोग, मराठा सम्मान को क्या समझेंगे? जो खुद अपने समाज में जनाधार और सम्मान गंवा चुके हैं, वे दूसरों के सम्मान से कष्ट में हैं."

संजय राउत ने दोबारा क्या कहा? वहीं फिर संजय राउत ने सिंधिया के बयान का जवाब देते हुए कहा, "महाराज, इतिहास को समझिए. वीर महादजी शिंदे एक महान स्वाभिमानी मराठा योद्धा थे. उनके नाम पर भगोड़ों को पुरस्कार देना महादजी शिंदे का अपमान है. जयाजीराव शिंदे के नाम पर एकनाथ शिंदे को पुरस्कार देने पर कोई आपत्ति नहीं है. महादजी दिल्ली के सामने नहीं झुके."

एकनाथ शिंदे को क्यों मिला ये अवार्ड?सरहद संस्था के अनुसार, एकनाथ शिंदे ने अपने ढाई साल के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान किसानों, मजदूरों, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और युवाओं के कल्याण के लिए बेहद महत्वपूर्ण निर्णय लिए. उन्होंने सिर्फ मुख्यमंत्री की तरह नहीं बल्कि एक सामान्य नागरिक की दृष्टि से भी कार्य किया. शिंदे के कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया. शिंदे के इन्हीं कार्यों और उनके नेतृत्व को सम्मानित करने के लिए सरहद संस्था ने उन्हें महादजी शिंदे राष्ट्रीय गौरव अवार्ड देने का निर्णय लिया. 

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