Maharashtra Navnirman Sena: पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली जिले की एक स्थानीय अदालत ने शुक्रवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित एक विरोध प्रदर्शन से संबंधित 2008 के एक मामले में दोषमुक्ति की मांग की गई थी. एमएनएस कार्यकर्ताओं ने मुंबई में ठाकरे की गिरफ्तारी के खिलाफ जिले के शिराला में विरोध प्रदर्शन किया था जिसके बाद गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होने और शांति भंग करने से संबंधित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.


प्राथमिकी में किसके-किसके नाम हैं?
प्राथमिकी में ठाकरे के अलावा नौ अन्य के भी नाम हैं. सहायक लोक अभियोजक रंजीत पाटिल ने आरोपमुक्ति याचिका का विरोध किया और कहा कि जब तक सभी गवाह गवाही नहीं देते तब तक इस पर फैसला नहीं किया जा सकता है. पाटिल ने यहां एक बयान में कहा कि अदालत ने उनके तर्क को सही ठहराया. इस मामले में राज ठाकरे, मनसे के जिलाध्यक्ष तानाजी सावंत और अन्य के खिलाफ कोकरुद थाने में मामला दर्ज कराया गया था. साथ ही इस मामले में शिराला कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी.


क्या है मामला?
राज ठाकरे के खिलाफ 21 अक्टूबर, 2008 को कोकरुद (शिराला) पुलिस स्टेशन में धारा 143, 109 और 117 और मुंबई पुलिस अधिनियम की धारा 135 के तहत शिकायत दर्ज की गई थी. इसी के चलते राज ठाकरे के खिलाफ शिराला कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी. राज ठाकरे के खिलाफ अभी तक कोई आरोप पत्र दायर नहीं किया गया है. राज ठाकरे की ओर से उन्हें इस आरोप से मुक्त करने के लिए इस्लामपुर के जिला न्यायाधीश के समक्ष पुनरीक्षण आवेदन दायर किया गया था.