स्वतंत्रता दिवस के दिन मांस बिक्री पर प्रतिबंध को लेकर महाराष्ट्र में सियासत गरमा गई है. कल्याण-डोंबिवली नगर निगम (केडीएमसी) ने ये आदेश जारी किया जिस पर राजनीतिक प्रतिक्रिया आए आ रही हैं. उद्धव ठाकरे गुट ने इस पर सवाल उठाया. इस पर बुधवार (13 अगस्त) को सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि 1988 से ये फैसला चला आया है. हमने कोई नया फैसला नहीं लिया है. उद्धव ठाकरे जब सीएम थे तब भी ये फैसला था, अब भी है. वहीं, डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि आहार पर पाबंदी लगाना उचित नहीं है.
मांस बंदी लगाई गई तो कठिन हो जाएगा- अजित पवार
डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा, "वह उनका आहार है और उनके आहार पर पाबंदी लगाना उचित नहीं है. 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन मांस बंदी लगाई गई तो कठिण हो जाएगा."
अनावश्यक विवाद खड़ा किया गया- सीएम फडणवीस
सीएम फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार लोगों के भोजन विकल्पों को विनियमित करने की इच्छुक नहीं है. 15 अगस्त को बूचड़खाने बंद करने को लेकर अनावश्यक विवाद खड़ा किया गया है.
अजित पवार ने कहा कि इस तरह के प्रतिबंध आमतौर पर आषाढ़ी एकादशी, महाशिवरात्रि, महावीर जयंती आदि जैसे मौकों पर धार्मिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए लगाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में लोग शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह का भोजन करते हैं.
पवार ने मंगलवार (12 अगस्त) को कहा, ‘‘इस तरह का प्रतिबंध लगाना गलत है. बड़े शहरों में विभिन्न जातियों और धर्मों के लोग रहते हैं. अगर यह भावनात्मक मुद्दा है तो लोग इसे (प्रतिबंध को) एक दिन के लिए स्वीकार कर लेते हैं लेकिन अगर आप महाराष्ट्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर ऐसे आदेश जारी करते हैं तो यह मुश्किल है.’’
छत्रपति संभाजीनगर महानगर पालिका ने भी लगाई पाबंदी
छत्रपति संभाजीनगर महानगर पालिका ने त्योहारों के मद्देनजर दो दिन यानी 15 और 20 अगस्त को शहर की सीमा के भीतर बूचड़खानों एवं मांस की दुकानों को बंद करने की घोषणा की. इसमें कहा गया है कि 15 अगस्त को गोकुल अष्टमी और 20 अगस्त को जैन समुदाय के प्रमुख त्योहार ‘पर्युषण पर्व’ के अवसर पर बूचड़खानों एवं मांस की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया गया है. महानगर पालिका ने आदेश के उल्लंघन करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है.