विपक्ष की ओर से चुनावों में धांधली, ईवीएम हैक और चुनाव आयोग भी बीजेपी के साथ मिला हुआ है- ऐसा दावा किया जाता रहा है. महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव हो या फिर बिहार में होने वाले चुनाव से पहले वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन का मुद्दा, विपक्ष इसके विरोध में कई सवाल खड़े कर रहा है. 

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ऐसे में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने विपक्ष के चुनावी आरोपों पर सीधा जवाब देते हुए कहा कि जब विपक्षी दल चुनाव जीतते हैं, तब सब कुछ सही लगता है, लेकिन हारने पर वे सब पर सवाल उठाने लगते हैं. 

लोकसभा के परिणामों पर नहीं उठाया सवाल- अजित पवार 

अजित पवार का कहना है कि विपक्ष यह नैरेटिव गढ़ रहा है कि चुनाव आयोग और बीजेपी मिलकर चुनावों में धांधली कर रही है, जबकि जीत के समय यही दल इस सिस्टम को सही ठहराते हैं. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में जब महाराष्ट्र की 48 सीटों में से 31 सीटें महाविकास अघाड़ी को मिलीं और 17 सीटें NDA को, तब किसी ने ईवीएम पर सवाल नहीं उठाया.

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बाकी राज्यों में जीते तो ईवीएम में कोई गड़बड़ी नहीं- अजित पवार 

अजित पवार ने उदाहरण देते हुए कहा कि विपक्षी दल जब कर्नाटक, तेलंगाना, वेस्ट बंगाल और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में जीते, तब ईवीएम या वोटर लिस्ट की गड़बड़ी का मुद्दा नहीं उठाया गया.

उन्होंने AAP की दिल्ली और पंजाब में लगातार दो बार की जीत का हवाला देकर कहा कि जीतने के बाद विपक्ष कहता है सब ठीक है, लेकिन हारने पर वही मशीनें और वही चुनाव आयोग गलत लगने लगता है. यह दोहरा रवैया लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाता है.

फेक नैरेटिव और भविष्य की रणनीति

पवार ने आरोप लगाया कि महाविकास अघाड़ी ने लोकसभा चुनाव के दौरान एक ‘फेक नैरेटिव’ तैयार किया था कि NDA संविधान बदलना चाहती है. यह नैरेटिव शुरुआत में थोड़ा चला, लेकिन बाद में लोगों ने इसे खारिज कर दिया.

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में NDA को महाराष्ट्र में बड़ी कीमत चुकानी पड़ी, जिसके बाद सिर्फ 5-6 महीने में कई योजनाएं लागू की गईं. पवार ने विपक्ष को सलाह दी कि वे जनता के मुद्दों पर ध्यान दें और हार की जिम्मेदारी खुद लें, बजाय चुनाव आयोग या ईवीएम को दोष देने के.