Disciplinary Action Against Gajanan Kirtikar: मुंबई में शिंदे गुट के मौजूदा सांसद गजानन कीर्तिकर की मुश्किलें बढ़ने की संभावना है. कीर्तिकर के खिलाफ पार्टी के अंदरुनी कार्रवाई की संभावना है. बेटे और उद्धव ठाकरे गुट के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को लेकर कीर्तिकर के रुख के बाद शिवसेना में नाराजगी है. इसकी शिकायत शिवसेना की अनुशासन समिति से की गई है. गजानन कीर्तिकर ने कहा कि उन्हें इस मोड़ पर अपने बेटे के साथ नहीं रहने का अफसोस है.


एबीपी माझा के मुताबिक, गजानन कीर्तिकर ने अपने बेटे और मुंबई नॉर्थ वेस्ट में ठाकरे ग्रुप के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को लेकर बयान दिया था. शिवसेना के उपनेता शिशिर शिंदे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर गजानन कीर्तिकर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की थी. वहीं बीजेपी नेता प्रवीण दरेकर ने गजानन कीर्तिकर पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. इसलिए इस बात की पूरी संभावना है कि गजानन कीर्तिकर के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.


अनुशासनात्मक कार्रवाई क्या होगी? 
शिवसेना में अगर किसी नेता के खिलाफ ऐसी शिकायत अनुशासन समिति के पास जाती है तो शिकायत पर विचार किया जाता है. फिर पार्टी प्रमुख या मामले में मुख्य पार्टी नेता के परामर्श से संबंधित नेता को नोटिस जारी किया जाता है. यह नोटिस कारण बताओ नोटिस होता है. एक नेता जिस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है. इस नोटिस का जवाब नेता को एक निश्चित समय सीमा के अंदर देना होता है. यदि संबंधित नेता नोटिस का उत्तर देता है तो क्या नोटिस में उल्लिखित उत्तर संतोषजनक है या नहीं? इसकी जांच की जाती है.


यह जवाब संतोषजनक होने पर संबंधित नेता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती. लेकिन अगर यह जवाब संतोषजनक नहीं हुआ तो संबंधित नेता को पार्टी की अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. यह कार्रवाई कुछ वर्षों या कुछ महीनों के लिए होती है. फिर पार्टी से निकालने या पार्टी से निलंबित करने की कार्रवाई होती है. इसलिए, यदि गजानन कीर्तिकर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाती है, तो उन्हें निष्कासित या निलंबित भी किया जा सकता है.


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