Imroz Death: प्रसिद्ध कवि और चित्रकार इमरोज़ का मुंबई में उम्र संबंधी बीमारियों के चलते शुक्रवार को निधन हो गया. वह 97 साल के थे. उनके परिवार के एक सदस्य ने यह जानकारी दी. 26 जनवरी 1926 को अविभाजित भारत के लाहौर से 100 किलोमीटर दूर एक गांव में जन्मे इमरोज पिछले कुछ समय से उम्र संबंधी बीमारियों का सामना कर रहे थे और एक महीने पहले भी उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.


इमरोज़ को इंद्रजीत सिंह के नाम से भी जाना जाता था और वह मशहूर लेखिका और कवयित्री अमृता प्रीतम के साथ अपने संबंधों को लेकर चर्चा में आए थे. दोनों ने कभी अपने रिश्ते को कोई दुनियावी नाम नहीं दिया, लेकिन दोनों करीब चालीस साल एक-दूसरे के साथ रहे.


अमृता प्रीतम और इमरोज़ की पुत्रवधू अलका क्वात्रा ने मुंबई से फोन पर उनके (इमरोज) के निधन की पुष्टि की. क्वात्रा ने बताया कि आज सुबह लगभग साढ़े पांच बजे इमरोज ने मुंबई में अपने घर पर अंतिम सांस ली. उनका अंतिम संस्कार दोपहर बाद परिजनों की मौजूदगी में किया गया. अलका, अमृता प्रीतम के पूर्व पति प्रीतम सिंह से पैदा हुए बेटे नवराज की पत्नी हैं. नवराज का भी निधन हो चुका है.


इमरोज के परिवार में पुत्रवधू अलका क्वात्रा के अलावा एक पोता और एक पोती हैं. कहा जाता है कि अमृता को अपनी कविता संग्रह 'नगमानी' के कवर डिजाइन के लिए एक कलाकार की तलाश थी और इसी तलाश के दौरान उनकी चित्रकार इमरोज़ से मुलाकात हुई थी.


दोनों 40 साल तक एक-दूसरे के साथ रहे, लेकिन कभी अपने रिश्ते को शादी के बंधन में बांधने की कोशिश नहीं की. अमृता उन्हें प्यार से जीत कहकर बुलाती थीं. अमृता की जिंदगी के अंतिम दिनों में इमरोज साए की तरह उनके साथ नजर आते थे. 


इमरोज, अमृता से इतनी मोहब्बत करते थे कि उन्होंने उनके लिए 'अमृता के लिए नज्म जारी है' नाम की किताब भी लिखी थी, जिसे 2008 में प्रकाशित किया गया था.


जब अमृता बीमार थीं, तब ये कविता इमरोज के ल‍िए ल‍िखी थी :


मैं तैनू फ़िर मिलांगी


कित्थे ? किस तरह पता नई


शायद तेरे ताखियल दी चिंगारी बण के


तेरे केनवास ते उतरांगी.


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