Anil Parab On Maharashtra Assembly Speaker: महाराष्ट्र (Maharashtra) में विधायकों की अयोग्ता का मुद्दा अब सियासी तूल पकड़ता जा रहा है. इस पर बयानबाजी भी तेजी से हो रही है. महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल परब (Anil Parab) ने विधानसभा अध्यक्ष पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि पीठासीन अधिकारी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की फटकार के बिना इस मामले पर आगे नहीं बढ़ेंगे. वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर फैसले के लिए समय- सीमा बताने का अंतिम अवसर दिया है.


सुप्रीम कोर्ट ने समय-सीमा बताने को कहा
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल परब ने विधायकों की अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला करने में देरी को लेकर राज्य विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर पर मंगलवार को निशाना साधते हुए कहा कि पीठासीन अधिकारी सुप्रीम कोर्ट  की फटकार के बिना इस मामले पर आगे नहीं बढ़ेंगे. इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नार्वेकर को शिवसेना के दोनों गुटों की ओर से दायर याचिकाओं पर फैसला करने के लिए एक वास्तविक समय-सीमा बताने का अंतिम अवसर दिया.


कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 30 अक्टूबर की नीयत की है. कोर्ट ने कहा कहा, ‘‘हम ज्यादा समय लिए जाने से खुश नहीं है. सॉलिसिटर जनरल ने कहा है कि दशहरा की छुट्टियों के दौरान वह व्यक्तिगत रूप से स्पीकर से बातचीत करेंगे, ताकि एक निश्चित तौर-तरीकों का संकेत दे सकें.’’


विस अध्यक्ष भ्रम में न रहें- अनिल परब
पार्टी में टूट के बाद, ये याचिकाएं एक-दूसरे के गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे नीत गुटों की ओर से दायर की गई थीं.मामले पर सुप्रीम कोर्ट  की सुनवाई के बाद नयी दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में परब ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष इस भ्रम में हैं कि सुप्रीम कोर्ट  के आदेश उन पर लागू नहीं होते. सुप्रीम कोर्ट  का डंडा पड़े बिना उन्हें यह बात समझ नहीं आएगी.’


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