कर्नाटक में मंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड्गे के बेटे प्रियांक खड्गे द्वारा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाले बयान ने तूल पकड़ लिया है. भाजपा ने इस पर तीखी आलोचना की है. वहीँ इसी कड़ी में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने इसे महज पब्लिसिटी स्टंट बताया और बोले इंदिरा गांधी ने भी आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की थ, लेकिन उन्हें सत्ता गंवानी पड़ी थी.

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मुख्यमंत्री फडणवीस ने ये बतान अमरावती में सोमवार को पत्रकारों के सवालों के जबाब में दिया. बोले ऐसे लोगों को कोई पूछता नहीं इसलिए इस तरह के बयान देते हैं.

देवेन्द्र फडणवीस का बयान

आरएसएस पर प्रतिबंध को लेकर पूछे गए सवाल पर फडणवीस ने कहा कि वह ऐसे बयान सिर्फ प्रचार के लिए देते हैं. इंदिरा गांधी ने भी ऐसा प्रयास किया था और उन्हें सत्ता छोड़नी पड़ी थी.

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उन्होंने आगे कहा कि हम ऐसे लोगों का जवाब तक नहीं देते. कोई उन्हें पूछता तक नहीं है.फडणवीस ने यह भी कहा कि आरएसएस एक देशभक्ति संगठन है और खरगे की राजनीति उनके पिता, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर निर्भर है. इसलिए उन्हें गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है.

प्रियांक खड्गे ने क्या कहा था ?

बता दें कि प्रियांक खड्गे कर्नाटक की सरकार में आईटी और पंचायती राज्य मंत्री हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर राज्य में आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. उन्होंने तर्क दिया था कि आरएसएस की संस्कृति भारत की एकता और धर्मनिरपेक्ष ढांचे के विरुद्ध है. उन्होंने विशेष आरएसएस सरकार और सरकार द्वारा संचालित स्कूलों, सार्वजनिक मैदानों, सरकारी मंदिरों, पुरातत्व विभाग के स्थलों, पार्कों और अन्य सरकारी परिसरों में अपनी शाखाएं और अन्य गतिविधियां चला रहा है.

वे नारों के माध्यम से और बच्चों एवं युवाओं के मन में नकारात्मक विचार डाले जा रहे हैं. ये सब संविधान और देश के नैतिक मूल्यों के खिलाफ हैं, इसलिए इस पर प्रतिबन्ध लगाना चाहिए. खड्गे बयान पर बीजेपी के कई और नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. माना जा रहा है कि अभी ये मुद्दा और गर्माएगा.