मनोज जरांगे पाटील के नेतृत्व में बड़े स्तर पर मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन किया गया. हजारों-लाखों की संख्या में मराठा समुदाय के लोग इकट्ठा हुए और अपनी मांगें सरकार के सामने रखीं. ऐलान किया गया कि जब तक मराठाओं की सभी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक आंदोलन और भूख हड़ताल जारी रहेंगे. सरकार ने यह बात मान भी ली थी. हालांकि, अब देवेंद्र फडणवीस की सरकार की ओर से जो ऐलान किया गया है, उससे मनोज जरांगे को बड़ा झटका लगा है. 

दरअसल, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ऐलान किया है कि सभी मराठाओं को कुणबी सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा. जिस व्यक्ती का नाम हैदराबाद गैजेट में कुणबी के तौर पर दर्ज होगा केवल उसे ही सर्टिफिकेट दिया जाएगा. 

सभी को कुणबी सर्टिफिकेट की रखी थी मांगमनोज जरांगे पाटील लगातार मांग कर रहे हैं कि मराठवाड़ा के सभी मराठाओं को कुणबी सर्टिफिकेट दिया जाए, ताकि उन्हें ओबीसी वर्ग में आरक्षण मिल सके लेकिन सरकार ने यह मांग पूरी तरह से नहीं मानी है. कल (7 सितंबर) पुणे में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीएं देवेंद्र फडणवीस ने कहा-

"मराठवाड़ा के सभी रिकॉर्ड्स हैदराबाद गैजेट में है. अंग्रेजों के रिकॉर्ड्स अवेलेबल नहीं हैं, इसलिए हमने फैसला लिया है कि हम हैदराबाद गैजेट के रिकॉर्ड्स के हिसाब से चलेंगे. जिसका नाम रिकॉर्ड में शामिल होगा, उसे ही सर्टिफिकेट दिया जाएगा. हर किसी को कुणबी प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा."

'ओबीसी समाज का अहित कभी नहीं होने देंगे'- देवेंद्र फडणवीसदेवेंद्र फडणवीस ने कहा, "जो लोग रिकॉर्ड में शामिल हैं, उन्हें ही प्रमाण पत्र मिले, हमने ऐसा आसान प्रोसेस बनाया है. इस वजह से मराठा समाज में जिसके पास सही रिकॉर्ड है, वो वंचित नहीं रहेगा, उसे ही लाभ मिलेगा. ओबीसी समाज की थाली में से कुछ भी निकाला नहीं जाएगा. इस फैसले से मराठा समाज का हित तो हुआ ही है, साथ ही ओबीसी समाज का भी अहित होने नहीं दिया है. जबतक हमारी सरकार है कुछ भी हो जाए लेकिन ओबीसी का अहित होने नहीं देंगे."