Bombay HC On High Rise Buildings Near Mumbai Airport: बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने मुंबई एयरपोर्ट (Mumbai Airport) के पास 48 इमारतों पर कार्रवाई के आदेश दिया है. कोर्ट ने कलेक्टर को आदेश दिए हैं कि एयरपोर्ट और रवने के बीच में सुरक्षा को लेकर कोई समझौता ना करें और ऐसी इमारतों पर जरूरी कार्रवाई की जाए. अदालत ने आदेश दिया है कि जिस इमारत की उचाई ज्यादा है, उसे कम किया जाए. इससे पूर्व बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को टिप्पणी की कि विमानन में, सब कुछ हवाई यातायात नियंत्रण पर निर्भर करता है और एक गलती से कुछ भी हो सकता है. अदालत मुंबई हवाई अड्डे के पास ऊंची इमारतों से विमानों के लिए खतरों पर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ये बातें कही थी.


मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की खंडपीठ अधिवक्ता यशवंत शेनॉय द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें शहर के हवाई अड्डे के आसपास के क्षेत्र में निर्धारित ऊंचाई सीमा से ऊपर के भवनों के निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी. शेनॉय ने तर्क दिया कि इन इमारतों से विमान के यहां हवाईअड्डे पर उड़ान भरने और उतरने के समय खतरा हो सकता है और किसी दिन कोई अप्रिय घटना हो सकती है.


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मुख्य न्यायाधीश ने कही ये बात


हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और बृहन्मुंबई नगर निगम से इस मुद्दे पर क्या कार्रवाई की है, इस पर अपना हलफनामा दाखिल करने को कहा है. यह देखते हुए कि इस मुद्दे ने सभी को चिंतित किया, सीजे दत्ता ने कहा कि उन्होंने हाल ही में अजय देवगन-स्टारर हिंदी फिल्म "रनवे 34" देखी. उन्होंने कहा कि "मैंने 'रनवे 34' फिल्म देखी. कुछ भी पायलट पर निर्भर नहीं करता है. सब कुछ हवाई यातायात नियंत्रण पर निर्भर करता है.' "हमें लगता है कि पायलट ने घोषणा की है कि हम लैंडिंग या टेक ऑफ के लिए तैयार हैं और बाहर का तापमान ऐसा ही है और सब कुछ ठीक है. लेकिन यह सब कई अन्य कारकों पर निर्भर करता है. इधर-उधर एक गलती...कुछ भी हो सकता है."


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