SC On OBC Reservation In Maharashtra Local Body Election: महाराष्ट्र (Maharashtra) सरकार गुरुवार को उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के ही उस आदेश के खिलाफ सर्वोच्च अदालत में एक समीक्षा याचिका दायर करेगी जिसमें राज्य चुनाव आयोग को बिना ओबीसी आरक्षण के 92 नगरपालिका परिषदों और चार नगर पंचायतों के चुनाव स्थगित नहीं करने और चुनाव कराने का निर्देश दिया गया था. विपक्ष ने सरकार की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से कहा कि वे भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के साथ कैबिनेट विस्तार पर चर्चा करने के बजाय दिल्ली की अपनी यात्रा के दौरान ओबीसी आरक्षण और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाएं.


367 स्थानीय निकायों के लिए एक नए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करने के राज्य चुनाव आयोग के फैसले पर नाखुशी व्यक्त करते हुए, जिसके लिए चुनाव प्रक्रिया पहले ही अधिसूचित की जा चुकी थी, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ओबीसी आरक्षण के लिए बनठिया आयोग की सिफारिश को स्वीकार करने वाले उसके पहले के फैसले की गलत व्याख्या की गई थी.


सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात


सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाया कि "एसईसी 8 जून, 2022 को इस न्यायालय के समक्ष हलफनामे में निर्दिष्ट 367 स्थानीय निकायों के संबंध में आरक्षण प्रदान करने के लिए चुनाव कार्यक्रम को दूरस्थ रूप से बदल नहीं सकता है और न ही बदलेगा. इस निर्देश के किसी भी उल्लंघन के मामले में, एसईसी और सभी जिम्मेदार लोग, इस अदालत द्वारा जारी किए गए निर्देशों की अवमानना ​​की कार्रवाई के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार हो सकते हैं.”


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देवेंद्र फडणवीस ने कही ये बात


शीर्ष अदालत के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए फडणवीस ने कहा, 'हम समीक्षा याचिका दायर करेंगे. जब 34 जिला परिषदों, 226 नगर परिषदों, 27 नगर निगमों, 28,813 ग्राम पंचायतों और 351 पंचायत समितियों में ओबीसी आरक्षण की अनुमति दी गई है, तो मुट्ठी भर स्थानीय निकायों के साथ भेदभाव कैसे हो सकता है? यह अन्याय होगा. हम ओबीसी आरक्षण के बिना 92 नगरपालिका परिषदों के चुनाव की अनुमति नहीं दे सकते.


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