बीएमसी चुनाव को लेकर महायुति के भीतर सीट बंटवारे पर तनाव खुलकर सामने आ गया है. बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) के बीच हुई पहली बैठक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी. दोनों दल अपनी-अपनी शर्तों पर अड़े हुए हैं, जिससे गठबंधन की एकजुटता पर सवाल खड़े हो गए हैं.
मुंबई महानगरपालिका में कुल 227 वार्ड हैं. शिवसेना (शिंदे) का कहना है कि वह कम से कम 125 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, जबकि बीजेपी ने केवल 52 सीटों का प्रस्ताव दिया है. यह ऑफर शिवसेना की उम्मीद से आधे से भी कम है. इसी बात पर शिवसेना नेताओं ने कड़ा ऐतराज जताया और पहली बैठक बीच में ही खत्म हो गई.
पुराने पार्षदों की सीट भी नहीं छोड़ी
विवाद की बड़ी वजह यह है कि बीजेपी उन वार्डों पर भी दावा ठोक रही है, जहां शिवसेना के मौजूदा पार्षद हैं. बीजेपी का तर्क है कि पिछली बार इन सीटों पर वह दूसरे नंबर पर रही थी, इसलिए इस बार उसे मौका मिलना चाहिए. शिवसेना इसे अपने संगठन और जमीनी कार्यकर्ताओं का अपमान मान रही है.
मराठी बहुल इलाकों को लेकर नाराजगी
दादर-माहिम, वर्ली और चेंबूर जैसे मराठी बहुल इलाकों में शिवसेना को बहुत कम सीटें दिए जाने से नाराजगी और बढ़ गई है. शिवसेना नेताओं का कहना है कि ये इलाके पार्टी की पारंपरिक ताकत रहे हैं, ऐसे में यहां कम सीटें देना स्वीकार नहीं किया जा सकता.
वहीं 8 विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी ने एक भी सीट छोड़ने से साफ इनकार कर दिया है. इसे लेकर शिवसेना खेमे में खासा गुस्सा है. पार्टी नेताओं का कहना है कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो समझौता मुश्किल हो जाएगा.
एकनाथ शिंदे ने देवेंद्र फडणवीस से की मुलाकात
मामला बिगड़ता देख डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर अपनी आपत्ति दर्ज कराई. इसके बाद शिंदे ने आक्रामक रुख अपनाने का फैसला किया है.
आज एकनाथ शिंदे खुद गोरेगांव-दहिसर इलाके में शिवसेना शाखाओं का दौरा कर रहे हैं. वहीं, कल बांद्रा के रंगशार्दा हॉल में शिंदे सेना ने 227 वार्डों के इच्छुक उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया है. इसे शिवसेना की ताकत दिखाने की तैयारी माना जा रहा है.
आज होगी दूसरी बैठक
हालांकि तनाव के बीच आज ‘वसंत स्मृति’ बीजेपी कार्यालय में दूसरे दौर की बैठक होने जा रही है. शिवसेना को उम्मीद है कि इस बार कोई सम्मानजनक समझौता निकल आएगा, लेकिन फिलहाल सीट बंटवारे की यह लड़ाई महायुति के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है.