मुंबई की एक विशेष अदालत ने बुधवार (17 दिसंबर) को शिवसेना (शिंदे गुट) विधायक मंगेश कुडालकर के खिलाफ गंभीर आरोपों को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. अदालत ने महाराष्ट्र भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) को निर्देश दिया है कि वह भ्रष्टाचार और सार्वजनिक भूमि पर अनधिकृत निर्माण के मामले में कुडालकर के खिलाफ FIR दर्ज करे. यह मामला मुंबई के कुर्ला इलाके से जुड़ा हुआ है, जहां से मंगेश कुडालकर विधायक हैं.

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सांसदों और विधायकों से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत के न्यायाधीश सत्यनारायण आर नवंदर ने कहा कि कुडालकर के खिलाफ लगाए गए आरोप बेहद गंभीर हैं.

अदालत के मुताबिक, शिकायत और उपलब्ध दस्तावेजों को देखने के बाद प्रथम दृष्टया यह मामला जांच के लायक बनता है. इसी आधार पर एसीबी को FIR दर्ज करने का आदेश दिया गया है.

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सार्वजनिक जमीन पर अनधिकृत निर्माण का आरोप

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि पहली नजर में ऐसा प्रतीत होता है कि महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MHADA) की उस जमीन पर अनधिकृत निर्माण किया गया है, जो मूल रूप से सुविधा सेवाओं और उद्यान के लिए आरक्षित थी. आरोप है कि इस जमीन पर एक हॉल और कुछ व्यावसायिक केंद्र बनाए गए, जो नियमों के खिलाफ हैं.

जज ने यह भी साफ किया कि चूंकि यह जमीन सार्वजनिक संपत्ति है, इसलिए अनधिकृत निर्माण से जुड़े आरोपों में कुछ सच्चाई नजर आती है और इसकी निष्पक्ष जांच जरूरी है.

विकास फंड के दुरुपयोग का भी आरोप

इस मामले की शिकायत कुर्ला के एक स्थानीय निवासी ने अदालत में दाखिल की थी. शिकायतकर्ता का आरोप है कि मंगेश कुडालकर ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए आवंटित सार्वजनिक धन का दुरुपयोग किया. आरोपों के मुताबिक, विकास कार्यों के नाम पर मिले फंड का इस्तेमाल नियमों को ताक पर रखकर किया गया.

सत्तारूढ़ गठबंधन से जुड़े हैं विधायक

मंगेश कुडालकर शिवसेना के विधायक हैं और उनकी पार्टी महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ ‘महायुति’ गठबंधन का हिस्सा है. ऐसे में इस आदेश को राजनीतिक रूप से भी काफी अहम माना जा रहा है. अदालत के इस फैसले के बाद अब निगाहें एसीबी की कार्रवाई पर टिकी हैं कि वह आगे किस तरह से जांच को अंजाम देती है.