मुंबई की एक कोर्ट ने उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत की मानहानि से जुड़े मामले में जारी समन के खिलाफ बीजेपी सांसद नारायण राणे की याचिका खारिज कर दी है. बुधवार (16 जुलाई) को कोर्ट ने यह फैसला लिया. संजय राउत ने 15 जनवरी, 2023 को भांडुप उपनगर में आयोजित कोंकण महोत्सव में अपने बारे में कथित रूप से 'दुर्भावनापूर्ण और झूठी' टिप्पणी करने के लिए नारायण राणे के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था.
नारायण राणे ने कथित तौर पर कहा था कि संजय राउत का नाम मतदाता सूची में नहीं है और जब वह (नारायण राणे) शिवसेना में थे, तब उन्होंने राज्यसभा चुनाव में संजय राउत की मदद की थी. शिकायत का संज्ञान लेते हुए, मझगांव की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने अप्रैल में बीजेपी सांसद को समन जारी किया था.
बिना कारण बताए समन जारी- नारायण राणे नारायण राणे ने सांसदों और विधायकों की विशेष अदालत में समन को चुनौती देते हुए कहा कि उनके खिलाफ मानहानि का कोई मामला नहीं बनता. नारायण राणे के आवेदन में कहा गया कि मजिस्ट्रेट ने 'बिना कोई कारण बताए या न्यायिक विवेक का उपयोग किए' समन जारी किया.
दूसरी ओर, संजय राउत के वकील सार्थक शेट्टी ने दलील दी कि मजिस्ट्रेट के आदेश में कोई अवैधता नहीं है और यह मानहानि का स्पष्ट मामला है. वकील ने कोर्ट में कहा कि बयान से शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत की छवि को सार्वजनिक रूप से नुकसान पहुंचा है, इसलिए समन पूरी तरह उचित है.
सुनवाई के बाद नारायण राणे की याचिका खारिज सुनवाई के बाद कोर्ट ने बुधवार (16 जुलाई) को नारायण राणे की याचिका खारिज कर दी. विस्तृत आदेश अभी उपलब्ध नहीं है. मजिस्ट्रेट के सामने समक्ष मानहानि मामले की सुनवाई जारी रहेगी.
अब स्पेशल कोर्ट तय करेगा कि नारायण राणे के इस बयान ने वास्तविक तौर पर संजय राउत की छवि को नुकसान पहुंचाया है या नहीं? यह मुद्दा केवल कानूनी नहीं, बल्कि राजनीतिक तौर पर भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इसमें महाराष्ट्र के दो प्रमुख नेताओं के बीच सीधी तकरार है.