महाराष्ट्र में मांस बिक्री या कत्लखाने बंद रखने के फैसले पर विवाद शुरू हो गया है. 15 अगस्त को कुछ महापालिकाओं ने चिकन, मटन बिक्री और कत्लखाने बंद रखने के आदेश जारी किए हैं. इसमें मालेगांव महापालिका, छत्रपति संभाजीनगर महापालिका और केडीएमसी आयुक्तों ने भी ऐसे आदेश जारी किए, जिससे विपक्ष की ओर से नाराजगी व्यक्त की जा रही है. खास बात यह है कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी 15 अगस्त को मांसाहार पर बंदी लगाना उचित नहीं बताया. वहीं, शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे ने केडीएमसी आयुक्त के निलंबन की मांग करते हुए कहा कि वे नॉनवेज खाएंगे ही.
15 अगस्त को मांस बिक्री बंदी के संदर्भ में अजित पवार ने कहा, “मैंने टीवी पर खबर देखी, श्रद्धा का प्रश्न होता है तो इस तरह बंदी लगाई जाती है. आषाढ़ी एकादशी, महावीर जयंती जैसे अवसरों पर यह निर्णय लिया जाता है. हमारे राज्य में, अगर हम कोकण में जाएं तो हर सब्जी में सूखा मछली (सुकट) डाला जाता है. इसलिए ऐसी बंदी लगाना उचित नहीं है. अगर भावनात्मक मुद्दा हो तो उस समय के लिए बंदी लगाई जाए तो लोग समझ सकते हैं. लेकिन, 15 अगस्त को महाराष्ट्र में बंदी लगाना उचित नहीं है, मैं इस बारे में जानकारी लूंगा.''
15 अगस्त को हम नॉनवेज खाएंगे - आदित्य ठाकरे
आदित्य ठाकरे ने मांस बिक्री बंदी के फैसले पर सरकार और महापालिका आयुक्त पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा, ''कल्याण-डोंबिवली महापालिका कमिश्नर को निलंबित किया जाना चाहिए, क्योंकि वेज या नॉनवेज का मुद्दा उनका नहीं है. स्वतंत्रता दिवस पर हम क्या खाएंगे यह हमारा अधिकार है. हम निश्चित ही नॉनवेज खाएंगे, हमारे घर में नॉनवेज खाया जाता है.'' साथ ही, उन्होंने कहा कि हमारे घर में नवरात्रि में मछली का नैवेद्य होता है, यह हमारी परंपरा है.
महापालिकाओं का आदेश क्या है?
धार्मिक त्योहारों की पृष्ठभूमि पर मालेगांव महानगरपालिका ने अहम निर्णय लिया है कि मालेगांव शहर के सभी निजी कत्लखाने, भैंस मांस विक्रेता, बकरा मटन और चिकन मटन विक्रेता अपनी दुकानें 15, 20 और 27 अगस्त को पूरी तरह से बंद रखें. इसके अलावा, छत्रपति संभाजीनगर में भी 15 अगस्त को शहर के सभी कत्लखाने बंद रहेंगे. महानगरपालिका के आदेश के अनुसार, 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस), 20 अगस्त (श्रीकृष्ण जन्माष्टमी) और 27 अगस्त (जैन पर्युषण पर्व, श्री गणेश चतुर्थी व जैन संवत्सरी) को सभी मांस दुकानें, कत्लखाने और संबंधित व्यवसाय पूरे दिन बंद रखने के आदेश हैं.