अंतरराष्ट्रीय महिला कुश्ती चैंपियनशिप सर्बिया में छिंदवाड़ा की शिवानी पवार ने सिल्वर मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाया है. शिवानी ने ये मेडल अंडर 23 के 50 किलोग्राम वर्ग में जीता है. शिवानी ने पहले दौर में बेलारूस की रेसलर अनस्ततियां यूनोतवा को फिर क्वार्टर फाइनल में यूक्रेन की रेसलर प्रोफतीलोबा और सेमीफाइनल में रूस की मारिया को पटखनी दी. हालांकि वे फाइनल में अमेरिकी रेसलर एमिली शिल्सन से नहीं जीत पाई. इससे वे गोल्ड मेडल जीतने से चूक गई.


इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवानी को ट्वीट कर बधाई दी. वही शिवानी के पिता ने कहा कि भविष्य में शिवानी देश को गोल्ड मेडल दिलाएगी.



शिवानी का बैकग्राउंड -


शिवानी साधारण किसान परिवार की बेटी हैं.  छिंदवाड़ा के उमरेठ में शिवानी का कच्चा घर है. पिता नंदलाल पवार किसान हैं जिनके पास केवल 3 एकड़ जमीन है. नंदलाल ने तीनों बेटियों और बेटे को उनका करियर खुद चुनने की आजादी दी. समाज के तानों के बाद भी बेटियों को रेसलिंग के लिए पूरा सपोर्ट किया. रेसलर शिवानी के पिता नंदलाल पवार ने बताया की, 'शिवानी की स्कूलिंग पंडित विशंभर नाथ हाईस्कूल, उमरेठ में हुई. 8वीं क्लास तक उसे फुटबॉल और रनिंग का शौक था. स्कूल कोच कलशराम मर्सकोले ने पहले उसे फुटबॉल में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया. शिवानी ने फुटबॉल के पहले ही राउंड में स्टेट निकाल लिया. कॉम्पटीशन से वापस आने पर कोच ने उसे रेसलिंग करने की सलाह दी.’


शुरुआत में सुनने पड़े ताने -


शिवानी के पिता ने आगे बताया कि 'जब हमने शिवानी को कुश्ती में भेजने का फैसला किया तो शुरुआत में समाज के ताने भी मिले.  लोग कहा करते थे कि लड़की है, लड़की को कोई कुश्ती में भेजता है क्या? वैसे तो शिवानी का अब छिंदवाड़ा आना कम ही होता है लेकिन जब भी होता है, यही लोग अब सोचते हैं कि शिवानी से मुलाकात हो जाए और बातचीत कर लें.' किसान नंदलाल पवार की 3 बेटियां और एक बेटा है. रेसलर शिवानी से बड़ी बहन भारती पवार हैं जिनकी शादी हो गई है. वो भी रेसलर थी और शिवानी की छोटी बहन सोनू पवार भी रेसलर हैं, जो शिवानी के साथ दिल्ली में रहती हैं. 


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