Madhya Pradesh News: देशभर में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) का रिजल्ट मंगलवार (16 अप्रैल) को जारी हुआ. ऐसे में तमाम स्टूडेंट्स सफल हुए तो कइयों को असफलता का मुंह देखना पड़ा. इस बीच एक स्टूडेंट की कहनी सामने आई है, जो यूपीएससी और स्टेट पीसीएस को मिलाकर 73 प्रिलिम्स की परीक्षाएं दे चुके हैं. उन्होंने 43 बार मेंस लिखा है और 8 बार इंटरव्यू तक भी पहुंचे, लेकिन अभी इन्हें सफलता मिलनी बाकी है. आने वाले दिनों में नौवां इंटरव्यू मध्य प्रदेश पीसीएस का देने वाले हैं. बिहार पीसीएस में भी एक मौका और उनके पास बचा है.


दरअसल, 48 साल के हो चुके पुष्पेंद्र श्रीवास्तव साल 1996 से प्रतियोगी परीक्षाएं दे रहे हैं और मुखर्जी नगर के नेहरू विहार में रहते हैं. यहां के लगभग सभी स्टूडेंट्स उन्हें जानते हैं और उनके प्रति उनके मन में एक अलग सम्मान है. उन्हें यहां पुष्पेंद्र श्रीवास्तव से ज्यादा लोग पुष्पेंद्र भैया के नाम से जानते हैं. पिछले 28 साल से अपने सपने को लेकर पुष्पेंद्र संघर्ष कर रहे हैं. अभी तक उन्होंने शादी भी नहीं की है, लेकिन उनके चेहरे पर कोई शिकन नहीं है. वह कहते हैं कि पिछले 28 सालों में हमने इतनी परीक्षाएं दी, लेकिन आज तक प्री परीक्षा में वो फेल नहीं हुए. 


छतरपुर के रहने वाले हैं पुष्पेंद्र
एनबीटी की खबर के मुताबिक, पुष्पेंद्र मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के एक छोटे से गांव बंभौरी के रहने वाले हैं. उनके माता-पिता दोनों ही सरकारी शिक्षक हैं. वह बताते हैं कि परिवार के लोग चाहते थे कि वह भी शिक्षक बनें. उन्हें साल 1996 में एमएससी पास करने के बाद घरवालों ने बीएड प्रवेश परीक्षा का फॉर्म भरने के लिए कहा. जब वह फॉर्म खरीदने गए तो देखा कि मध्य प्रदेश पीसीएस का भी फॉर्म निकला है, तो उन्होंने दोनों भर दिया.


बीएड के प्रवेश परीक्षा में सफल हुए और मध्य प्रदेश पीसीएस का प्रीलिम्स भी पहले अटेम्प्ट में क्लियर कर लिया. इसके बाद उन्हें लगा कि उन्हें यूपीएससी की तैयारी करनी चाहिए, तो वह इलाहाबाद आ गए. यहां उन्होंने यूपीएससी का भी पहला अटेम्प्ट दिया और मेंस तक पहुंचे. साल 1997 में उन्हें लगा कि यूपीएससी के लिए इलाहाबाद से बेहतर जगह दिल्ली का मुखर्जी नगर है तो फिर दिल्ली आ गए. उसके बाद से आज तक यहीं तैयारी में लगे हुए हैं.


मनोज शर्मा रहे हैं उनके रूम पार्टनर
बता दें विकास दिव्यकीर्ति सर ने भी उनके साथ यूपीएससी की तैयार की है जबकि आईएएस मनोज शर्मा मुखर्जी नगर में उनके रूम पार्टनर रहे हैं. तैयारी के दौर में पुष्पेंद्र अपनी उम्र के 5वें दशक के अंतिम पड़ाव पर हैं, लेकिन उनके चेहरे पर वही कॉन्फिडेंस है जो मुखर्जी नगर में तैयारी करने के लिए 20 साल की उम्र में आने वाले छात्र के चेहरे पर होता है. वह आज भी उतनी लगन से तैयारी में लगे हैं, जैसे अपनी तैयारी शुरू की थी.


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने कहा कि 'सफलता मिलना, न मिलना अलग बात है, लेकिन अभी तक हमें इस बात पर गर्व है कि हमने अपना शत प्रतिशत अपने सपने को सींचने के लिए दिया. मैंने जो किया वह मेरा अपना फैसला है और इसमें हमारे पैरंट्स का सहयोग है. इसके लिए मुझे कोई अफसोस नहीं है और ना किसी भी तरह की सहानुभूति की जरूरत है.' पुष्पेंद्र तैयारी के साथ-साथ एक कोचिंग संस्थान में एजुकेटर की जॉब भी करते हैं और अच्छी खासी उनकी सैलरी भी है. उनका कहना है कि चाहे कुछ भी हो, मुखर्जी नगर से अधिकारी बन कर ही जाना है.



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