Gwalior Woman Wedding with Lord Krishna: वैसे तो देश भर में शादी विवाह का सीजन चल रहा है लेकिन आज नौमी पर ग्वालियर में एक अनूठी शादी हुई जिसकी चर्चा सब जगह हो रही है. इसे देखने के लिए लोगो ही नही साधु संतों तक कि भीड़ उमड़ी. ग्वालियर की रहने वाली 23 साल की ग्रेजुएट शिवानी ने आज अपने इष्ट भगवान कन्हैया जी यानी कान्हा जी के साथ साथ फेरे लिए. 


इस शादी की धूम कई दिनों से चल रही थी. इसमें पहले हल्दी से लेकर मेंहदी और तेल से लेकर मंडप तक सब उत्सवपूर्वक हुआ और आज सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में पाणिग्रहण संस्कार हुआ जिसमें शिवानी ने अपने प्रिय कान्हा जी के साथ फेरे लिए और पूरी तरह से कान्हा जी की हो गईं . 


वृंदावन से आई बारात 
शिवानी को ब्याहने कान्हा जी अकेले नहीं पहुंचे बल्कि वे वृंदावन से साधु संतों की पूरी बारात लेकर ग्वालियर पहुंचे. उनकी बारात में वहां से सात लोग आए जिनमें सन्त वृंदावन के रमेश भाई, गुरू भाई चरणदास महाराज, पुजारी राहुल रजक आदि शामिल रहे. बारातियों का शिवानी के परिजनों और इष्ट मित्रों ने कैंसर पहाड़ी स्थित मंदिर पर जमकर आव भगत की. 


इसके बाद वहां शादी की रस्म पूरी हुई और शिवानी ने कान्हा जी के साथ सात फेरे लिए. इस मौके पर जुटी सैकड़ों महिलाओं ने मंगल गीत भी गाए, गारी और ज्योनार के गाने भी गाये और नृत्य भी किया. 


15 अप्रैल से शुरू हो गए थे मांगलिक आयोजन 
शिवानी की मां मीरा परिहार ने बताया कि उनके घर पर शिवानी के विवाह कार्यक्रम 15 अप्रैल से शुरू हो गए थे. पहले दिन हल्दी और तेल, 16 को मंडप हुआ. आज यानी 17 अप्रैल को बारात आगमन हुआ और सनातन रीति रिवाज के साथ पाणिग्रहण संस्कार हुआ. यहां मां और पिता राम प्रताप परिहार ने कन्यादान लिया और फिर सैकड़ों लोगों ने पांव पखरायी की. 


ऐसे शिवानी हुईं कृष्ण की दीवानी 
ग्वालियर के न्यू बृज विहार कॉलोनी में रहने वाली शिवानी अब भगवा वस्त्र में दिखाई देने लगी हैं. उन्होंने बीकॉम किया लेकिन बाद में साफ कर दिया कि वे शादी करेंगी तो सिर्फ अपने लड्डू गोपाल से.  इनके पिता रामप्रताप परिहार और माता मीरा परिहार इस विवाह का विरोध जरू किया  लेकिन बेटी के हठ के आगे वह भी उसे मान्यता देने को मजबूर हो गए. 


शिवानी ने बीकॉम तक शिक्षा ग्रहण की है. शिवानी कहती हैं कि लड्डू गोपाल से विवाह करने का बचपन से ही मेरा एक सपना था. अक्सर वो उसके सपने में आते, साथ ही शादी की रस्में होती हैं जिसे वो अब हकीकत का रूप देने जा रही हैं. मैंने अपना पूरा जीवन लड्डू गोपाल को सौंप दिया है. मैं किसी दूसरे के घर नहीं जाना चाहती थी जिसने हमें शरीर दिया है उसको ही पूरा जीवन सौंप दिया है.


इस शादी से खुश नहीं हैं शिवानी के रिश्तेदार
शिवानी की उसकी मां ने, कृष्णा गोपाल की एक पीतल की प्रतिमा भी लाकर दे दी. वो उसे हर पल अपने साथ रखती हैं. शिवानी कहती हैं, इस विवाह से रिश्तेदार खुश नहीं हैं, लेकिन मुझे किसी की कोई परवाह नहीं है. मीरा ने भी बहुत कुछ छोड़ दिया तो क्या में लड्डू गोपाल के लिए बनावटी रिश्तों को नहीं छोड़ सकती. इसमें मुझे यह जीवन दिया है उसे ही यह जीवन समर्पित करना था और आज से मैं पूरी तरह उन्हीं की हो गई. अब उन्हीं की भक्ति और साधना में ही अपना बाकी जीवन गुजारूंगी.


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