Union Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए अंशदान कटौती (Deduction of Contribution) का भेदभाव भले ही मिटा दिया है, लेकिन मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार (MP government) ने प्रदेश के कर्मचारियों को पहले से सौगात दे रखी है. मध्यप्रदेश सरकार मई 2021 से ही एनपीएस में केंद्रीय कर्मचारियों के समान राज्य के कर्मचारियों को अपनी ओर से 14 फीसदी का योगदान दे रही है. 


मध्यप्रदेश सरकार ने NPS में बढ़ा दिया था 4 फीसद योगदान


सीए अखिलेश जैन के मुताबिक मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य में 2005 के बाद भर्ती अधिकारियों-कर्मचारियों के हित में 28 मई 2021 को बड़ा फैसला लिया था और राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में अपना योगदान चार प्रतिशत बढ़ा दिया था. 2005 के बाद भर्ती अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए अंशदायी पेंशन योजना में जितना अंशदान कर्मचारी जमा करते हैं, उतनी ही राशि राज्य और केंद्र सरकार भी मिलाती है. केंद्र सरकार ने एक अप्रैल 2019 से अंशदान 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया था. 


शिवराज सरकार ने 2021-2022 के बजट में इस आशय का प्रस्ताव किया था. 11 मई को हुई कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी दे दी गई. इसके पहले एनपीएस में कर्मचारी-अधिकारी और सरकार का बराबर-बराबर यानी 10-10 फीसदी अंशदान जमा होता था. हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में देश भर के सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत दी. सरकारी कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में कटौती का दायरा बढ़ा दिया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने राज्य सरकारों की तरफ से कर्मचारियों के लिए एनपीएस में योगदान पर कटौती को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का फैसला किया है.


वित्त मंत्री ने कहा, “वर्तमान में, केंद्र सरकार राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम (NPS) टीयर-। में अपने कर्मचारियों के वेतन में 14 प्रतिशत का योगदान करती है. हालांकि, राज्य सरकार के कर्मचारियों के मामले में ऐसी कटौती वेतन के 10 प्रतिशत की सीमा तक ही स्वीकृत की गई है. केंद्र और राज्य सरकार दोनों के कर्मचारियों के प्रति समान व्यवहार करने के लिए, मैं राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए भी एनपीएस खाते में नियोक्ता के योगदान पर कर कटौती सीमा को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करती हूं. इससे राज्य सरकार के कर्मचारियों के सोशल सिक्योरिटी बेनिफिट्स को बढ़ाने और केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के समान लाने में मदद मिलेगी.”


60 साल पूरा होने पर राशि का एक हिस्सा निकाला जा सकता है 


वर्ष 2004 को शुरू की गई योजना में पहले सिर्फ सरकारी कर्मचारी ही निवेश कर सकते थे लेकिन 2009 में इसे सभी के लिए खोल दिया गया. इस योजना के तहत रिटायरमेंट से पहले तक योगदान किया जाता है और फिर रिटायरमेंट के समय यानी 60 साल की उम्र पूरी होने पर इकट्ठा हुई राशि के एक हिस्से को एकमुश्त निकाल सकते हैं और शेष बची हुई राशि से नियमित तौर पर पेंशन के रूप में आय पा सकते हैं.


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