Madhya Pradesh News: शिव भक्तों को भगवान महाकाल (Mahakal) के दरबार में जलाभिषेक और गर्भ गृह में पूजन की हमेशा आशा रहती है. महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) समिति ने आम श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. अब सप्ताह में 4 दिन श्रद्धालुओं को गर्भ गृह में पूजा अर्चना और जल अभिषेक का मौका मिलेगा. धार्मिक नगरी उज्जैन के नए कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने शुक्रवार को महाकालेश्वर मंदिर का दौरा किया और व्यवस्थाओं की पूरी जानकारी ली. इसके अलावा महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2023) पर्व के दौरान किए जाने वाले इंतजामों को लेकर भी समीक्षा की. 


इस दौरान जब कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम को पता चला कि मंगलवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को आम श्रद्धालुओं के लिए महाकालेश्वर मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश का 4 घंटे का समय तय किया गया है तो उन्होंने अपनी ओर से एक घंटा और बढ़ाने के आदेश दिए. कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि आम श्रद्धालुओं की सुविधा सर्वोपरि मानते हुए व्यवस्थाएं बनाई जा रही हैं. इसी कड़ी में आम श्रद्धालुओं को अब आम दिनों में  दोपहर 1:00 बजे से शाम 4:00 बजे के स्थान पर दोपहर 12:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक गर्भ गृह में पूजा अर्चना और प्रवेश का मौका मिलेगा.  


महाकालेश्वर मंदिर की व्यवस्थाएं 
महाकालेश्वर मंदिर में गर्भगृह में प्रवेश को लेकर अधिक भीड़ होने पर 1500 रुपये की रसीद कटानी होती है. दो श्रद्धालुओं के लिए ₹1500 की रसीद मंदिर समिति द्वारा बनाई जाती है. इसके जरिए श्रद्धालु गर्भगृह में जाकर भगवान का जलाभिषेक कर सकता है. शनिवार, रविवार और सोमवार को गर्भगृह में आमतौर पर प्रवेश बंद रहता है, जबकि मंगलवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को भीड़ कम होने की वजह से प्रवेश चालू कर दिया जाता है. श्रद्धालुओं को अब आम दिनों में एक घंटा और अधिक दर्शन-पूजा का वक्त मिलने जा रहा है.


वीआईपी प्रोटोकॉल किया खत्म
उज्जैन के नए कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने आम श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक सुविधा मुहैया कराने के लिए बड़ा कदम उठाया है. उन्होंने वीआईपी प्रोटोकाल की सुविधा को भी समाप्त कर दिया है. पहले सभी विभागों के अधिकारी और गणमान्य नागरिक जल्द दर्शन व्यवस्था का लाभ उठाते हुए मंदिर में प्रवेश कर रहे थे. अब केवल साधु, संत, महंत, महामंडलेश्वर, अखाड़ा प्रमुख के अलावा उज्जैन के पत्रकारों व राज्य के अधिमान्य पत्रकारों को ही शीघ्र दर्शन व्यवस्था का लाभ मिल पा रहा है.  पत्रकारों के परिवारों और अन्य लोगों को भी सुविधा से वंचित कर दिया गया है. यह कदम आम श्रद्धालुओं के हित में उठाए गए हैं. 


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