MP News: पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव को उनके गृह ग्राम आंखमऊ में शनिवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. अंतिम संस्कार के दौरान उनकी बेटी सुभाषिनी और बेटे शांतनु ने स्वर्गीय शरद यादव को मुखाग्नि दी. उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी सहित अन्य राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि और ग्रामीण मौजूद रहे. शरद यादव के परिजन दोपहर करीब 3:30 बजे उनका पार्थिव शरीर लेकर ग्राम आंखमऊ पहुंचे. शरद यादव के गांव में पहुंचते ही पूरे गांव में शोक की लहर छा गई. शाम करीब 5:00 बजे घर के समीप बने खलिहान में धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया गया.


'मेरे गांव में ही किया जाए मेरा अंतिम संस्कार'


अपने गांव और गांव के लोगों से खासा प्रेम रखने वाले शरद यादव अक्सर अपने परिजनों से कहा करते थे कि संसार से जाने पर उनका अंतिम संस्कार गांव में ही किया जाए. उनका बचपन ग्राम आंखमऊ में बीता और उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई भी इसी गांव में रहकर की थी. उनके परिजनों ने बताया कि वह जब भी गांव में आते थे तो अपना अधिकांश समय अपने खेत-खलिहान में ही बिता थे, उनकी इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार उनके खेतों पर ही किया जाए.  उनकी इच्छा के अनुरूप ही खलिहान में उन्हें अंतिम विदाई दी गई. इस दौरान उन्हें सशस्त सलामी देते हुए गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. परिजनों और ग्राम वासियों ने अपने चहेते नेता को नम आंखों से विदा किया. इस दौरान प्रशासन के आला अधिकारी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे.


गुरुवार को अस्पताल में हो गया था निधन


बता दें कि जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का गुरुवार को गुरुवार को गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था. वह 75 वर्ष के थे. उनके परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटी और एक बेटा हैं.


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