Guru Purnima: गुरु पूर्णिमा पर्व पर धार्मिक नगरी उज्जैन में एक ऐसा धार्मिक स्थल है, जहां पर बड़ी संख्या में विद्यार्थी भगवान श्री कृष्ण के गुरु का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचते हैं. इसी धार्मिक स्थान पर भगवान श्री कृष्ण ने 64 दिनों में अपने गुरु सांदीपनि से 64 कलाओं का ज्ञान लिया था. उज्जैन में प्रथम विद्यालय के रूप में सांदीपनि आश्रम की पहचान होती है. इस विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में सांदीपनि को आज भी पूजा जाता है.


कहां है यह मंदिर और क्या है मान्यता


मध्य प्रदेश के उज्जैन में सांदीपनि आश्रम में गुरु पूर्णिमा का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जाता है. आश्रम के पुजारी पंडित रूपम व्यास के मुताबिक द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण अपने गुरु सांदीपनि से शिक्षा ग्रहण करने के लिए आश्रम आए थे. उनके साथ उनके बड़े भाई बलराम भी आए थे. दोनों ने यहां पर 64 दिनों तक अपने गुरु सांदीपनि से 64 अलग-अलग कलाओं का ज्ञान प्राप्त किया था. व्यास के मुताबिक वर्तमान समय में जिस प्रकार से विश्वविद्यालय और उसके कुलपति होते हैं, इसी तरह धार्मिक नगरी उज्जैन में प्रथम विद्यालय के रूप में सांदीपनि आश्रम की पहचान होती है. इस विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में सांदीपनि को आज भी पूजा जाता है.


अक्षर आरंभ संस्कार करने पहुंचते है विद्यार्थी 


गुरु सांदीपनि के वंशज पंडित रूपम व्यास के मुताबिक अक्षर आरंभ संस्कार के लिए भी बड़ी संख्या में विद्यार्थी गुरु पूर्णिमा पर आश्रम पहुंचते हैं. उनका कहना है कि जब विद्यार्थी स्कूल में प्रवेश करता है तो उसके पहले वह सांदीपनि आश्रम आकर भगवान श्री कृष्ण और गुरु सांदीपनि का आशीर्वाद लेता है. ऐसी मान्यता है कि इससे विद्यार्थी की बुद्धि का विकास होता है. यही वजह है कि हर साल बड़ी संख्या में छोटे-छोटे विद्यार्थी आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचते हैं. 


स्लेट की भी पूजा होती है


श्रद्धालु शारदा त्रिवेदी के मुताबिक वे इंदौर से अपने बच्चों को लेकर सांदीपनि आश्रम पहुंची हैं. गुरु सांदीपनि के साथ-साथ भगवान श्री कृष्ण बलदाऊ का भी यहां आशीर्वाद मिलता है. उन्होंने बताया कि छोटे बच्चे अपनी स्लेट, कलम लेकर पहुंचते हैं और गुरु सांदीपनि के सामने पहला शब्द लिखकर अपनी शिक्षा आरंभ करते हैं. यहां पर स्लेट रखकर उसकी पूजा भी कराई जाती है.


ये भी पढ़ें


Savan 2023: सावन में बदल जाएगी महाकाल की पूरी दिनचर्या, जानें आरतियों का नया समय