Sawan 2023: सावन के महीने में भगवान महाकाल के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालु पहुंचते हैं.सावन के महीने में भगवान महाकाल की पूरी दिनचर्या बदल जाती है.प्रातः कालीन भस्मारती से लेकर दिन भर पूजा-अर्चना का दौर जारी रहता है.इस साल भगवान महाकाल की सावन और भादो मास में 10 सवारियां निकलेंगी, जिसमें भगवान महाकाल अलग-अलग रूपों में दर्शन देंगे.


महाकाल की आरती का नया समय


महाकालेश्वर मंदिर के पंडित आशीष पुजारी ने बताया कि श्रावण मास में भगवान महाकाल के दरबार में उत्सव धूमधाम के साथ मनाया जाता है. मंगलवार से श्रावण मास शुरू हो रहा है. इस बार श्रावण मास काफी बड़ा है, इसलिए शिव भक्तों में भी काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन सुबह 4:00 बजे भस्म आरती होती है. लेकिन सावन मास में सोमवार को छोड़कर शेष सभी दिन सुबह 3:00 बजे भस्म आरती शुरू होगी. खास बात यह है कि भगवान शिव का प्रिय सोमवार को भगवान महाकाल की भस्म आरती सुबह 2:30 बजे शुरू हो जाती है. इसके बाद दिनभर भगवान महाकाल को जल और पुष्प अर्पित किए जाते हैं.भगवान महाकाल के दर्शन करने के लिए देश भर के शिव भक्त ज्योतिर्लिंग पहुंचते हैं. इस बार सावन में महाकाल लोक की वजह से और भी अधिक संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. 


सोमवार को नगर भ्रमण पर निकलेंगे महाकाल


महाकालेश्वर मंदिर के राम गुरु के मुताबिक हर साल की तरह इस बार भी भगवान महाकाल सावन और भादो मास में नगर भ्रमण पर निकलेंगे. इस दौरान वे प्रजा के हाल-चाल भी जानेंगे. प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में ही इस प्रकार की अनूठी परंपरा का निर्वहन किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि जो भक्त या पशु-पक्षी भगवान महाकाल के दरबार में नहीं पहुंच पाते हैं. उनके हालचाल जानने के लिए भगवान महाकाल खुद नगर भ्रमण पर निकलते हैं.इस बार भगवान महाकाल की सावन और भादो मास में 10 सवारियां निकलेंगी, जिसमें भगवान महाकाल अलग-अलग रूपों में दर्शन देंगे.


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