MP News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में नगरीय निकाय चुनाव (Urban Body Election) में पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे नेताओं पर गाज गिरनी शुरू हो गई है. कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP) की नजर उन परिवारों पर ज्यादा बनी है, जिनके परिजन दोनों दलों में पैठ बनाए हुए हैं. सागर में कुछ ऐसी ही तस्वीर सामने आई है. कांग्रेस ग्रामीण के जिला कार्यकारी अध्यक्ष अखिलेश केशरवानी को कांग्रेस ने प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है. वो तिलकगंज वार्ड में अधिकृत कांग्रेस उम्मीदवार चुन्नी लाल पटेल के विरोध में बीजेपी का प्रचार कर रहे थे. यहां से उनके भाई शैलेश केशरवानी बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में थे.   


कांग्रेस ने माना अनुशासनहीनता 
कांग्रेस कमेटी के संगठन प्रभारी और उपाध्यक्ष चन्द्र प्रभाष शेखर ने इस आशय का पत्र सागर जिला अध्यक्ष और महापोर प्रत्याशी निधि जैन को जारी किया है. पत्र के मुताबिक कार्यकारी अध्यक्ष अखिलेश केशरवानी के विरुद्ध पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ प्रचार करने की तथ्यात्मक जानकारी मिली है. इस आधार पर उनको कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित किया जाता है. इस मामले में कार्यकारी अध्यक्ष कांग्रेस अखिलेश केशरवानी का कहना है कि मेरे राजनीतिक विरोधियों और द्वेष की भावना रखने वालों ने पार्टी हाईकमान को गलत जानकारी दी है. प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से मुलाकात कर मैं अपना पक्ष रखूंगा. मुझे निगम चुनाव में जिस वार्ड की जिम्मेदारी दी गई थी. वहां मैंने पूर्ण निष्ठा से काम किया है. 


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परिणाम आने के बाद होगी कार्रवाई
नगर निगम सागर के 48 वार्ड पार्षदों के चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों के बागी उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. 6 जुलाई को वोटिंग भी हो गई लेकिन अभी तक इनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं हुई है. सागर में 17 जुलाई को गिनती होनी है. नतीजों के बाद दोनों दल कार्रवाई करेंगे. यदि बागी जीतते है तो उनको निगम अध्यक्ष के चुनाव के चलते पार्टी में बनाए रखेंगे. ऐसी रणनीति बनाए हुए है.


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