MP Flood like Situtaion: मध्य प्रदेश में बंगाल की खाड़ी सिस्टम के एक्टिव हो जाने की वजह से भारी बारिश का दौर जारी है. बीते 60 घंटों से हो रही बारिश के कारण चंबल, बेतवा, नर्मदा, पार्वती सहित लगभग सभी नदियां उफान पर हैं. नर्मदापुरम और सीहोर में नर्मदा नदी का जलस्तर लगभग 900 फीट के पार जा चुका है. मुख्यमंत्री शिवराज ने नर्मदापुरम जिले में बाढ़ का जायजा लेने पत्नी के साथ पहुंचे. उन्होंने नर्मदा तट के सेठानी घाट पर नदी का रौद्र रूप देखा. बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री ने नर्मदापुरम में वर्चुअल बैठक की. बैठक में सीहोर, मंदसौर, टीकमगढ़, नीमच, अशोकनगर, धार और बाढ़ प्रभावित जिलों से कलेक्टर, एसपी सहित वरिष्ठ अधिकारी जुड़े थे.


सीएम शिवराज ने बाढ़ राहत का लिया जायजा


शिवराज ने ने सभी अधिकारियों को कहा कि प्रदेश में कल से भारी वर्षा हो रही है. भोपाल, विदिशा, नर्मदापुरम्, अशोकनगर, गुना, सागर और विशेषकर नर्मदा के कैचमेंट एरिया में मंडला, डिंडौरी से जबलपुर, हरदा, नर्मदापुरम से लेकर सीहोर और रायसेन तक भी काफी बारिश हुई है. मैं स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हूं. पानी ज्यादा बढ़ने की संभावना वाली जगह पर एसडीआरएफ की टीम भेज दी गई है. मध्य प्रदेश में बाढ़ की स्थिती नियंत्रण में है. विदिशा जिले से कई लोगों का रेस्क्यू किया गया है.


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कल बालाघाट से भी रेस्क्यू किया गया था. कहीं कहीं ऐसी स्थितियां बन रही हैं लेकिन प्रशासन सजग है और लोगों को सुरक्षित निकालने में हम सफल हुए हैं. नर्मदापुरम में राहत कैंप तैयार हैं. लोगों को कैंप तक जाने की स्थिति न बने यही हमारी कोशिश है. लेकिन अगर परिस्थिति बनती है तो हम तैयार हैं. सीहोर जिले में कुछ गांव जैसे सोमलवाड़ा, नीलखंड पूरी तरह से कट जाते हैं. हमारी कोशिश है कि हम लोगों को पहले ही ऊंचे स्थानों पर ला जाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन में जन-प्रतिनिधियों, नवनिर्वाचित पंचायत, नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर सहयोग लिया जाए.


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कई जिलों के अधिकारियों संग की वर्चुअल बैठक


सोशल मीडिया और जनसंचार के अन्य माध्यमों से अतिवृष्टि और बाढ़ की स्थितियों को जनता के साथ साझा किया जाए. लोगों को सतर्क करने और आवश्यक सावधानी बरतने में सहायता मिलेगी. आपदा प्रबंधन में आदर्श समन्वय आवश्यक है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिलों को सूचना तंत्र मजबूत रखने के निर्देश भी दिए. जिला प्रशासन को क्षेत्र के सभी बांध, तालाब और जल-संरचनाओं का परीक्षण कराने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि लगातार हो रही वर्षा और आगामी दिनों में भारी वर्षा की आशंका को देखते हुए तकनीकी अमले के साथ जल-संरचनाओं का निरीक्षण और सीपेज पर नजर रखी जाए.


आगामी कुछ दिनों तक प्रतिदिन बांधों की मॉनीटरिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करें. मौसम के पूर्वानुमान सदैव सटीक नहीं होते. इसलिए तैयारी आवश्यक है. जिलों के पास पानी डिस्चार्ज का आंकलन पूर्व से ही है. सभी विभाग परस्पर समन्वय कर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें. जिला प्रशासन बाढ़ राहत के लिए राशन, दवाएं, नाव, मोटरबोट, गोताखोर, बचाव दल, राहत शिविर, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमों को तैयार रखे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अतिवृष्टि के प्रबंधन और राहत के लिए सूक्ष्मतम बिन्दुओं पर ध्यान देते हुए विस्तृत कार्य-योजना बनाने के निर्देश दिए.