उज्जैन (Ujjain) का नागचंद्रेश्वर का देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जो साल में केवल एक बार शिव भक्तों के लिए खुलता है. वह शुभ दिन है नाग पंचमी (Naag Panchami) का. उसी दिन नागचंद्रेश्वर महादेव के दुर्लभ दर्शन होते हैं. भगवान नागचंद्रेश्वर का आशीर्वाद लेने देशभर से श्रद्धालु (Devotee) आते हैं. इस बार नागपंचमी दो अगस्त को पड़ रही है. उसी दिन सावन महीने का तीसरा सोमवार (Third Monday of Sawan) भी है. ऐसे में इस बार नागचंद्रेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगेगा. प्रशासन को उम्मीद है कि इस बार नागपंचमी पर 5 लाख श्रद्धालु उज्जैन में होंगे. 


किसका और कहां है यह मंदिर


नागचंद्रेश्वर महादेव उज्जैन के प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर के दूसरे तल पर विराजित हैं. इस मंदिर के पट साल भर में केवल एक 24 घंटे के लिए खोले जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि नागचंद्रेश्वर महादेव के दर्शन मात्र से ही सारे दुख-दर्द और कालसर्प दोष का स्थायी निवारण हो जाता है. भगवान नागचंद्रेश्वर का आशीर्वाद लेने के लिए देशभर के भक्त नाग पंचमी के अवसर पर उज्जैन आते हैं. 


नागपंचमी और सोमवार का दुर्लभ संयोग


इस बार सावन का तीसरा सोमवार और नाग पंचमी एक साथ पड़ रही है. इस वजह से जिला प्रशासन और मंदिर समिति को व्यापक पैमाने पर इंतजाम करने पड़ रहे हैं. उज्जैन के कलेक्टर और महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष आशीष सिंह ने बताया कि इस साल नाग पंचमी और सावन के सोमवार का दुर्लभ संयोग बना है. उन्होंने इस बार इस सुखद और दुर्लभ संयोग को देखते हुए पांच लाख श्रद्धालुओं के उज्जैन पहुंचने की संभावना जताई है. उन्होंने बताया कि इस बार नागचंद्रेश्वर महादेव के दर्शन के लिए एक विशेष पुल बनाया गया है. इस पुल के माध्यम से श्रद्धालुओं को भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन कराए जाएंगे.इससे पहले भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए सीढ़ी से चढ़कर ऊपर जाना होता था.   


महानिर्वाणी अखाड़ा के अधीन है मंदिर


नागचंद्रेश्वर महादेव मंदिर महानिर्वाणी अखाड़े के अंतर्गत आता है. महानिर्वाणी अखाड़े के गादीपति विनीत गिरि महाराज इस मंदिर के संरक्षक हैं. उनकी देखरेख में ही पूजा-अर्चना होती है. विनीत गिरि महाराज ने बताया कि नाग पंचमी के अवसर पर मध्य रात्रि 12 बजे विशेष पूजन के बाद मंदिर के पट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे. इसके बाद सतत 24 घंटे तक दर्शन का सिलसिला चलता रहेगा. 24 घंटे बाद फिर एक साल के लिए मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे. 


नाग पंचमी पर यह रहेगी व्यवस्था


वहीं उज्जैन के कलेक्टर आशीष सिंह ने दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं से वाहन पार्किंग के संबंध में विशेष रूप से अपील की है. उन्होंने बताया कि इंदौर, देवास, मक्सी, बड़नगर, आगर रोड से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग मार्गों पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है. चौपहिया वाहनों को मंदिर से दूर ही खड़ा करवाया जाएगा. इसके बाद श्रद्धालु पैदल ही मंदिर की ओर जा सकेंगे. सावन के तीसरे सोमवार को भगवान महाकाल की सवारी भी निकलेगी. इसलिए भीड़ प्रबंधन के विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं. बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि वे अपने साथ अधिक और भारी सामान लेकर न आएं. प्रशासन ने श्रद्धालुओं से कीमती सामान पहनकर या साथ लेकर न आने की अपील की है.  


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