MP New Toll Tax Fair: मध्य प्रदेश के अंदर नई नियमावली और गाइडलाइन के चलते अब सड़कों पर आवागमन थोड़ा और महंगा होने जा रहा है. 1 अप्रैल से मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाली सड़कों पर टोल रेट में बढ़ोतरी की गई. अब मध्य प्रदेश के अंदर एमपीआरडीसी और एनएचएआई की सड़कों से गुजरना पहले की अपेक्षा अधिक महंगा हो गया. राज्य और केंद्र के अधीन आने वाली सड़कों पर लगभग 5 से 7 फीसदी तक टोल टैक्स में बढ़ोतरी की गई, जिसका असर अब आम जनता की जेब पर पड़ने वाला है. 


भोपाल से इंदौर का सफर तय करने पर पहले टोल टैक्स के रूप में कुल मिलाकर 137 रुपये देने होते थे, वहीं अब कुल मिलाकर 147 रुपये देने होंगे. मतलब आने जाने पर कुल मिलाकर 15 के हिसाब से 30 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. ठीक इसी प्रकार भोपाल से ग्वालियर जाते समय एनएचएआई के पास टोल नाके रास्ते में पड़ते हैं, जहां पर आने-जाने का कुल मिलाकर 80 रुपये अतिरिक्त भार यात्रियों पर पड़ने वाला है. मध्य प्रदेश से सटे अन्य राज्यों की सीमा पर जो टोल स्थित है, उनमें सीधे तौर पर 7 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है.


जानिये कितना बढ़ा किराया


मध्य प्रदेश के अंदर आज (2 अप्रैल) से नई टोल टैक्स व्यवस्था लागू होने जा रही है, जिसके चलते मध्य प्रदेश की सड़कों पर अब आवागमन कुछ महंगा होने जा रहा है. भोपाल, जबलपुर, ओबैदुल्लागंज, नागपुर, भोपाल रायसेन टोल पर 2 से 5 फीसदी तक की बढ़ोतरी और राज्य की सीमा से लगे दोनों पर 7 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई. राज्य के अंदर केंद्र और राज्य के अधीन वाले टोल पर 2 से 5 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी.


वैसे तो केंद्र सरकार धीरे-धीरे टोल नाके खत्म करने की व्यवस्था को लेकर आगे कदम बढ़ा रही है, लेकिन वहीं दूसरी ओर टोल टैक्स में लगातार वृद्धि से आम नागरिकों की समस्या में बढ़ोतरी हो सकती है. वैसे तो यह वृद्धि नाम मात्र की है, लेकिन लंबे सफर में यह जेब पर बड़ा भार डालती नजर आती है. मध्य प्रदेश के अंदर नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे दोनों के अधीन सैकड़ों की संख्या में टोल नाके मौजूद हैं, जहां से रोज हजारों की संख्या में वाहन आवागमन करते नजर आते हैं. इन टोल नाकों पर तो लंबी-लंबी कतारें देखी जाती है. ऐसी स्थिति में 2 से लेकर 7 फीसदी तक की टोल टैक्स वृद्धि लोगों को बोझिल बना सकती है.


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