Jabalpur News: सजा किसी को मिली और जेल कोई और गया. कानून से खिलवाड़ करने का एक सनसनीखेज मामला जबलपुर में सामने आया है. टोल नाका ठेके के नाम पर व्यापारियों से ठगी करने वाले शातिर बदमाश अमित खम्परिया का एक और चौकाने वाले आपराधिक षड्यंत्र का खुलासा हुआ है.


बिना अपराध किए जेल में बिताए 84 दिन
अमित खम्परिया ने कानून से ऐसा खेल किया कि अपने पिता के स्थान पर किसी दूसरे को अदालत में पेश कर दिया और बिना अपराध किए वह व्यक्ति 84 दिन तक जेल में रहा. इसके साथ ही दो अन्य सजायाफ्ता रिश्तेदारों की जगह भी निकली लोगों को जेल भिजवाया. जबलपुर एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने बताया कि इस मामले की जांच बरगी सीएसपी आईपीएस प्रियंका शुक्ला करेंगी. फिलहाल अमित खम्परिया किसी अन्य मामले में जेल में बंद है.


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एसपी से पीड़ित ने लगाई न्याय की गुहार
नकली पिता बनकर जेल गए कोमल पांडे ने जब इसकी शिकायत एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा से की,तब इस मामले का खुलासा हुआ.अमित खम्परिया द्वारा की गई सुनियोजित धोखाधड़ी की चर्चा मंडला, जबलपुर सहित और उमरिया जिले में है.पुलिस के मुताबिक अमित खम्परिया ने अदालत में विचाराधीन मामले में अपने पिता अनिरुद्ध चतुर्वेदी के स्थान पर धोखाधड़ी करते हुए दूसरे व्यक्ति को 84 दिन तक जेल में सजा कटवा दी .इसमें भी दिलचस्प ये की सजा पाने वाले की उम्र 70 साल थी और उसके नाम पर जेल गए व्यक्ति की उम्र उससे 25 साल कम है. जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर निकले कोमल पांडेय (47 वर्ष) ने एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा से मामले की शिकायत करते हुए न्याय की गुहार लगाई है.


धोखाधडी और फर्जीवाड़ा सहित अन्य धाराओं में नाम है दर्ज
एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा के पास पहुंचे पीड़ित कोमल पांडे और उनकी पत्नी प्रतिमा ने बताया कि मंडला जिले में कान्हा नेशनल पार्क से पहले वन विभाग के टोल नाके का अमित खम्परिया और अन्य पार्टनर के नाम पर ठेका था. यहां पर्यटकों से निर्धारित से ज्यादा शुल्क लिया जाता था और बाद में अधिक शुल्क को मार्कर से मिटा कर सही शुल्क लिख दिया जाता था. इस मामले में 8 सितंबर 2011 को धोखाधडी, फर्जीवाड़ा सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया था.


पिता के नाम से साइन कराकर करा दिया जेल
आमनपुर नीखरा चक्की के पास मदन महल के पास रहने वाले कोमल पांडे ने शिकायत में एसपी को बताया कि 14 सितंबर 2021 को श्यामसुंदर खम्परिया मुझे बुलाने आया कि अमित खम्परिया बुला रहे हैं. मैं अमित से मिलने संजीवनी नगर ऑफिस पहुंचा. वहां बताया गया कि नैनपुर तक चलना है, कुछ काम है. दूसरे दिन 15 सितंबर को मुङो मदन महल स्टेशन साइकिल स्टैंड से चार-पांच अन्य लोगों के साथ कार से नैनपुर ले जाया गया. नैनपुर में अमित मुझे सीधे कोर्ट ले गया. बोला कि एक केस में गवाही है. रजिस्टर में तुम मेरे पापा अनिरुद्ध सिंह चतुर्वेदी के नाम से दस्तखत कर देना. उसी शाम हम लौट आए. मैने घर पहुंच कर पत्नी प्रतिमा को इसके बारे में बताया तो उसने विरोध किया. दो दिन बाद अमित ने फिर बुलाया और बोला कि 22 सितम्बर को एक बार और दस्तखत करने जाना होगा. जाने से इंकार करने पर धमकाते हुए बोला कि एक बार दस्तखत कर दिए हो, फिर करना होगा.अपने गुर्गों से बोला कि ये दस्तखत करने न जाए तो इसके बच्चे व पत्नी को उठा लाना. फिर अपनी पहुंच का हवाला देकर झूठे केस में फंसाने की धमकी दी, तो मैं डर गया. 22 सितम्बर को न चाहते हुए भी उसकी धमकी और अपने बच्चों का चेहरा देख कर साथ चला गया. वहां जैसे ही मैने अनिरुद्ध प्रसाद सिंह चतुर्वेदी के नाम से दस्तखत किए, हाथों में हथकड़ी लगा दी गई.


आईपीएस प्रियंका शुक्ला करेंगी जांच
इस मामले में अमित खम्परिया,उसके पिता अनिरुद्ध सिंह चतुर्वेदी, मौसा रामजी द्विवेदी और रिश्तेदार दशरथ प्रसाद तिवारी सहित रज्जन, उमेश पांडे, अमित पांडे, श्रीकांत शुक्ला, शिव ठाकुर, अजय वाल्मीकि को आरोपी बनाया गया था. इसी तरह एक अन्य धोखाधड़ी का भी मामला दर्ज हुआ था.अमित खम्परिया ने उक्त मामले में पिता अनिरुद्ध सिंह चतुर्वेदी के स्थान पर कोमल प्रसाद पांडे (47) निवासी सिहोरा बरेली व हाल मुकाम मदनमहल अंडर ब्रिज आमनपुर नीखरा चक्की के पास को, रामजी द्विवेदी के स्थान पर श्याम सुंदर खम्परिया और दशरथ प्रसाद तिवारी के स्थान पर विराट तिवारी निवासी ग्वारीघाट को फर्जी दस्तावेजों में पहचान बदल कर कोर्ट में पेश कराया गया.असल अभियुक्तों के स्थान पर तीन अन्य 84 दिन जेल में रहे.


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