MP News: मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलीमठ के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश न्यायाधीश संघ का वर्चुअल महाधिवेशन और ऑनलाइन चुनाव रविवार 3 जुलाई को आयोजित हो रहा है. यह वर्चुअल महाधिवेशन देश में अपनी तरह का पहला आयोजन है. इससे न्यायिक अधिकारियों के समय और ऊर्जा की बचत होगी. इस महाधिवेशन में मध्यप्रदेश के लगभग 1650 न्यायिक अधिकारियों के भाग लेने की उम्मीद है.सम्मेलन के बाद मध्यप्रदेश न्यायाधीश संघ के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होगा.न्यायिक अधिकारियों के कल्याण के लिए काम करने वाली प्रमुख संस्था न्यायाधीश संघ 27 अगस्त 1998 से एक पंजीकृत सोसायटी है.


न्यायाधीश संघ का मुख्य उद्देश्य ये होगा


न्यायाधीश संघ का मुख्य उद्देश्य न्यायिक अधिकारियों के कार्यस्थल पर अनुकूल वातावरण बनाने, सेवा शर्तों में सुधार, उनके बौद्धिक उत्थान के लिए काम करना है. इसके साथ ही लगातार परिवर्तनशील परिवेश के प्रति चेतना और जागरुकता पैदा करते हुए देश के नागरिकों को सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक न्यायदान प्रदान करने के लिए न्यायिक अधिकारियों को प्रेरित करना है. न्यायाधीश संघ के निर्वाचित अध्यक्ष, संघ के सचिव और अन्य पदाधिकारियों के नामों का प्रस्ताव करेंगे और कार्यकारणी का गठन करेंगे. महाधिवेशन का शुभारंभ निवर्तमान अध्यक्ष के अभिभाषण से होगा और उसके बाद वरिष्ठता के क्रम में अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों के अभिभाषण होंगे.


सुबह 11 बजे से होगी वोटिंग


न्यायिक अधिकारियों द्वारा उनकी पदस्थापना के स्थान से गुप्त मतदान सुनिश्चित करने के लिए न्यायाधीश संघ द्वारा एक पोर्टल बनाया गया है. ईमेल और सोशल मीडिया पर भी हेल्प वीडियो और वोटिंग लिंक प्रसारित किए गए हैं. न्यायिक अधिकारी अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी का उपयोग करके अपना वोट डाल सकते हैं. वोटिंग सुबह 11 बजे शुरू होगी और लिंक दोपहर 3 बजे तक खुली रहेगी. गिरिबाला सिंह, प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश, भोपाल को मुख्य चुनाव अधिकारी नामित किया गया है. अजय सिंह ठाकुर और आरपीएस चुण्डावत सहायक निर्वाचन अधिकारी हैं.


इस वजह से पिछले साल चुनाव नहीं हुए


न्यायाधीश संघ के अध्यक्ष का कार्यकाल दो वर्ष का होता है. वर्तमान अध्यक्ष वर्ष 2019 में चुने गए थे. महामारी कोविड-19 के प्रकोप के कारण 2021 में चुनाव नहीं हो सके थे. चीफ जस्टिस रवि मलीमठ ने न्यायाधीश संघ के सदस्यों को ऑनलाइन मोड में चुनाव कराने के लिए प्रेरित किया जिससे कीमती न्यायिक समय और ऊर्जा की बचत होगी. मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्य में ऑनलाइन चुनाव से समय और खर्च की काफी बचत होगी और न्यायिक अधिकारियों को मतदान के लिए यात्रा करने के लिए अपना स्थान नहीं छोड़ना होगा. इसके अलावा, चुनाव के कारण न्यायिक कार्य में कोई बाधा भी नहीं आएगी.


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