MP Lok Sabha Election 2024 Phase 2: दूसरे चरण के चुनाव में कम मतदान ने बीजेपी और कांग्रेस की टेंशन बढा दी है. प्रदेश की छह संसदीय सीटों पर शुक्रवार (26 अप्रैल) को तकरीबन 59 प्रतिशत मतदान हुआ है, जो साल 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले 8 फीसदी कम है. होशंगाबाद में सबसे ज्यादा 68.36 फीसद वोटिंग हुई, जबकि रीवा में 48.67 फीसद वोट पड़े. 


राजधानी भोपाल के राजनीतिक गलियां में चर्चा है कि कम मतदान को लेकर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी चिंतित हैं. उन्होंने शुक्रवार को दूसरे चरण की वोटिंग खत्म होने के तुरंत बाद समीक्षा की.


कम वोटिंग से अमित शाह भी चिंतित


कहा जा रहा है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी कम वोटिंग को लेकर राज्य नेतृत्व से नाराजगी जताई है. मंत्री और विधायकों को चेतावनी देने की बात तक कही जा रही है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक शाह ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से साफ कहा है कि जिन मंत्रियों के इलाकों में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर नहीं होगा, उन्हें अपना पद गंवाना पड़ेगा.


दूसरे चरण की सीटों पर घटा मतदान


शुक्रवार को प्रदेश की छह संसदीय सीटों खजुराहो, रीवा, होशंगाबाद, टीकमगढ़, सतना और दमोह में लगभग 59 प्रतिशत वोट डाले गए. 12 हजार 828 मतदान केंद्रों पर एक करोड़ 11 लाख 62 हजार से अधिक मतदाताओं को मताधिकार प्राप्त था. निर्वाचन आयोग की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक इन सीटों पर साल 2019 में 67 फीसद वोट पड़े थे. इस हिसाब से साल 2024 के लोकसभा चुनाव में 8 फीसद वोटिंग घट गई. पहले चरण में 6 लोकसभा क्षेत्रों के मुकाबले दूसरे चरण की 6 सीटों पर भी मतदान 9.33 फीसद कम हुआ है.


दूसरे चरण में होशंगाबाद सीट पर सबसे ज्यादा 68.36 फीसद वोटिंग हुई. वहीं, रीवा में सबसे कम 48.67 फीसद वोट पड़े. सतना में 61.87 फीसद, टीकमगढ़ में 59.79 फीसद, खजुराहो में 59.79 फीसद और दमोह में 56.48 फीसद मतदान हुआ. पहले चरण के चुनाव में जबलपुर, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला, सीधी और शहडोल लोकसभा सीटों पर साल 2019 की तुलना में 7.50 फीसद कम वोटिंग हुई थी.


वहीं, साल 2019 में मध्य प्रदेश का मतदान प्रतिशत 71.20 था. 2019 के लोकसभा चुनाव में टीकमगढ़ सीट पर 66.62 फीसद, खजुराहो सीट पर 68.31 फीसद, सतना सीट पर 70.71 फीसद, दमोह सीट पर 65.83 फीसद, रीवा सीट पर 60.40 फीसद और होशंगाबाद सीट पर 74.22 फीसद वोटिंग हुई थी.


खजुराहो की सबसे ज्यादा थी चर्चा


दूसरे चरण में सबकी नजरें खजुराहो सीट पर विशेष रूप से टिकी हुई थी. खजुराहो से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और मौजूदा सांसद विष्णु दत्त शर्मा चुनाव मैदान में हैं. कांग्रेस ने खजुराहो की सीट गठबंधन साथी समाजवादी पार्टी के लिए छोड़ दी थी. लेकिन सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन निरस्त हो गया. ऐसे में विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' की ओर से ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के प्रत्याशी आरबी प्रजापति (रिटायर्ड आईएएस) को समर्थन देने की घोषणा की गयी.


इसके अलावा टीकमगढ़ से केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक (बीजेपी) सतना से वर्तमान सांसद गणेश सिंह (बीजेपी) और होशंगाबाद से सबसे धनी कैंडिडेट संजय शर्मा (कांग्रेस) की किस्मत का भी फैसला दूसरे चरण की वोटिंग के दौरान ईवीएम में कैद हो गया. वर्तमान में इन सभी छह सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. अब कम वोटिंग ने राज्य की दोनों प्रमुख पार्टियों बीजेपी और कांग्रेस को डरा दिया है. खासकर दूसरे चरण में महिलाओं का वोट प्रतिशत पिछले चुनाव के मुकाबले 11 फीसद घट गया है.


इस बार पुरुष के बजाय महिला वोटर में 10 फीसद तक कमी हुई है. मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार रविंद्र दुबे कहते हैं कि वोटिंग घटने की दो-तीन प्रमुख वजह हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि शुक्रवार 26 अप्रैल को खूब शादियां थी. इसके अलावा तापमान भी 40 डिग्री से अधिक रहा. दुबे कहते हैं कि 'लाडली बहना योजना' जैसी किसी प्रभावशाली चुनावी रेवड़ी का लालच ना होना भी मतदान में कमी की बड़ी वजह हो सकती है.


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