इस बार के विजयदशमी पर हाल ही में इंदौर के चर्चित हत्याकांड की आरोपी सोनम रघुवंशी का पुतला दहन करने की खबर सामने आई थी जिस पर MP हाई कोर्ट की ओर से निर्देश जारी किया गया है. कोर्ट ने राज्य प्रशासन को निर्देश दिया है कि सोनम रघुवंशी का पुतला विजयदशमी पर रावण के पुतले की जगह जलाने की अनुमति न दी जाए.
बता दें कि सोनम पर मेघालय में हनीमून के दौरान अपने पति की हत्या का आरोप है. इस मामले में हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सार्वजनिक अपमानजनक कार्रवाई पूरी तरह अस्वीकार्य है.
सोनम की मां की याचिका पर हुई सुनवाई
सोनम की मां ने स्थानीय इंदौर संगठन के खिलाफ याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने अदालत से निर्देश मांगे थे कि उनकी बेटी का पुतला न जलाया जाए और परिवार के खिलाफ कोई भी “अवैध या असंवैधानिक” कार्रवाई न की जाए.
न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा ने कहा कि याचिका में प्रस्तुत पम्पलेट और अन्य दस्तावेजों से स्पष्ट होता है कि उक्त संगठन 2 अक्टूबर, 2025 को विजयदशमी पर सोनम का पुतला जलाने की योजना बना रहा है. अदालत ने इसे लोकतांत्रिक देश में पूरी तरह अस्वीकार्य करार दिया.
अदालत ने दिए कड़े निर्देश
बेंच ने कहा कि चाहे सोनम पर किसी भी आपराधिक मामले में आरोप क्यों न हो, इसके बावजूद किसी भी व्यक्ति का सार्वजनिक अपमान करना, पुतला जलाना या उसका अपमानजनक प्रदर्शन करना अनुमति योग्य नहीं है. अदालत ने राज्य प्रशासन को निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करें कि कोई भी व्यक्ति सोनम रघुवंशी या किसी अन्य व्यक्ति का पुतला रावण के स्थान पर न जलाए. इस तरह की कार्रवाई न केवल संविधान के खिलाफ होगी बल्कि याचिका कर्ता और उनके परिवार के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन भी मानी जाएगी.
याचिकाकर्ता की दलील और समाज में संदेश
सोनम की मां ने अदालत में कहा कि संगठन द्वारा की जाने वाली यह कार्रवाई “सभी कानूनी सिद्धांतों के खिलाफ” है और उनके परिवार के मौलिक अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस तरह का पुतला दहन उनके परिवार की छवि को स्थायी रूप से धूमिल कर सकता है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, अदालत के आदेश से यह स्पष्ट संदेश गया है कि लोकतंत्र में किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सार्वजनिक अपमान को सहन नहीं किया जाएगा और कानून के दायरे में रहकर ही न्याय सुनिश्चित होगा.