MP Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 17 नवंबर को सपन्न हो गया था और तीन 3 दिसंबर को तय हो जाएगा कि, प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी. ऐसे में इस बार विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों से ज्यादा बीजेपी, कांग्रेस और सपा के दिग्गजों पर ज्यादा पर नजर है. बता दें कि, बुंदेलखंड में कुछ सीट ऐसी है जहां से हार जीत के साथ ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav), बीजेपी की दिग्गज नेत्री उमा भारती (Uma BHarti) और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (VD Sharma) सहित कांग्रेस के दिग्विजय सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर है.

दरअसल, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने छतरपुर की महाराजपुर और निवाड़ी विधानसभा सीट पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी, क्योंकि पिछली बार छतरपुर से बिजावर सीट सपा को मिली थी. इसलिए वह प्रदेश में कहीं न कहीं अपना वजूद बनाए रखने के लिए ताबड़तोड़ सभाएं करते रहे. वहीं जिले की महाराजपुर सीट पर कांग्रेस से बागी हुए दौलत तिवारी के समर्थन में अखिलेश यादव ने चुनावी सभाएं कीं और नौगांव में पार्टी के लिए लोगों को संगठित करने का काम किया.

छतरपुर में त्रिकोणीय मुकाबलाबता दें कि, बुंदेलखंड में छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी में उमा भारती, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और अखिलेश यादव ने शुरू ये ही अपना प्रभाव जमा रखा था, क्योंकि कहीं न कहीं इन दिग्गजों के चाहने वाले ही चुनावी मैदान में उतरे हैं. इसलिए इन तीनों दिग्गजों की प्रतिष्ठा का भी सवाल है. दरअसल, छतरपुर से ललिता यादव के लिए यह चुनाव बहुत अहम है.

ललिता यादव ने भाजपाइयों के कड़े अंदरूनी विरोध के चलते वह टिकट पाने में कामयाब रही थीं और उन्होंने पूरी दमदारी से चुनाव भी लड़ा है, लेकिन छतरपुर से कांग्रेस प्रत्याशी रहे आलोक चतुर्वेदी ने भी पूरी ताकत लगाई है. साथ ही कांग्रेस से बागी हुए बब्बू राजा के चुनावी मैदान में आने से त्रिकोणीय मुकाबला हो गया है. अब ऐसे में कहना मुश्किल हो गया है कि, यहां से कौन बाजी मारेगा.

ये भी पढ़ें: क्या पॉलिटिक्स जॉइन करने के लिए एक्टिंग फील्ड छोड़ रही हैं Chahat Pandey? एक्ट्रेस ने बताया सच, बोलीं- 'मैं ब्रेक पर..'

खेलें इलेक्शन का फैंटेसी गेम, जीतें 10,000 तक के गैजेट्स *T&C Apply