MP Covid-19 Death: मध्य प्रदेश राज्य में इस महीने कोरोना से हुई मौतों से जुड़ी हैरान कर देने वाली बात सामने आई है. दरअसल प्रदेश में 1 जनवरी से 30 जनवरी के बीच 83 मौते दर्ज की गई. वहीं इनमे से 53 के विश्लेषण से पता चलता है कि जिन 96 फीसदी लोगों की मौत हुई थी, वे किसी न किसी बीमारी से पीड़ित थे.वहीं आंकड़ों से पता चलता है कि 50% से अधिक मृतक 60 वर्ष से अधिक आयु के थे जबकि सबसे कम उम्र का मृतक पांच दिन का शिशु था, जिसकी 20 जनवरी को ग्वालियर जिले में मृत्यु हो गई थी. वहीं कोविड के कारण मरने वाला सबसे ज्यादा उम्र का शख्स उज्जैन जिले का 97 वर्षीय मरीज था.


बता दें कि 27 जनवरी तक कोविड -19 की तीसरी लहर के दौरान मरने वाले अधिकांश रोगियों में एक बात समान थी कि वे सभी कोमोरबिड मरीज थे.


ज्यादातर मौतें 16 जनवरी से 30 जनवरी के बीच हुई


ज्यादातर मौतें 16 जनवरी से 30 जनवरी के बीच महीने के सेकंड हाफ में हुईं. इस दौरान 69 कोरोना संक्रमितों ने दम तोड़ा. लहीं  महीने के पहले 15 दिनों में सिर्फ 14 मौतें हुई थीं. आंकड़ों से पता चलता है कि 53 मौतों में से 12 महिलाएं थीं.


कुल केस फैटलिटी रेट तीसरी लहर में रहा कम


वहीं टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों से पता चला है कि कि कुल केस फैटलिटी रेट (CFR) पिछली लहरों की तुलना में बहुत कम है. गौरतलब है कि दूसरी लहर में, सीएफआर 0.50 से ऊपर था और तीसरी लहर में यह ज्यादातर दिनों में 0.10 से नीचे रहा है.


तीसरी लहर में मृत्यु दर पिछली लहर की तुलना में कम रही है


वहीं सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में तीसरी लहर में मृत्यु दर पिछली लहर की तुलना में कम रही है और इसका मुख्य कारण यह हो सकता है कि अब ज्यादातर आबादी को टीका लगाया जा चुका है. टीकाकरण के अलावा, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि लोग विशेष रूप से सार्वजनिक स्थानों पर कोविड-19 के उचित व्यवहार का कड़ाई से पालन करें. इसके बाद ही तीसरी लहर के खत्म होने की संभावना है.


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