MP Murder Case: प्रधान आरक्षक विजय बघेल हत्याकांड मामले में कोर्ट ने 3 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है. वहीं अन्य 2 आरोपियों को दोषी पाते हुए 3-3 साल की सजा से दंडित किया. सहायक लोक अभियोजक कुलदीप सिंह बैस ने बताया की 21 सितंबर में 2 वर्ष पहले चांद थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक विजय बघेल की गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी. इस मामले में तत्कालीन चांद टीआई दीपक डेहरिया और चौरई की तत्कालीन टीआई शशि विश्वकर्मा ने कॉल डिटेल के जरिए प्रापर्टी डीलर राहुल नेमा को संदेह के दायरे में रखा था.


पूछताछ में राहुल ने 12 लाख रुपए के लेनदेन में प्रधान आरक्षक की हत्या करना कबूल किया था. पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए आरोपी राहुल नेमा के साथ मोनू ठाकुर, अतुल चौरसिया, सचिन शर्मा और शानू कहार को भी सह आरोपी बनाया था. आरोपियों की निशानदेही पर सिवनी के बंहोदी से प्रधान आरक्षक का शव बरामद किया गया था. इस मामले में अपर सत्र न्यायाधीश ने आरोपी राहुल नेमा, मोनू ठाकुर और अतुल चौरसिया को विभिन्न धाराओं में अधिकतम उम्र कैद की सजा सुनाई हो तो वहीं सचिन शर्मा और शानू कहार को अधिकतम 3-3 साल की सजा से सुनाई है.


हत्या कर जमीन के अंदर शव दफनाया


प्रधान आरक्षक विजय बघेल की हत्या वर्दी में हुई थी. वे चौरई पुलिस लाइन में रहते थे और चांद अपडाउन करते थे. प्रापर्टी डीलर से 12 लाख रुपए का लेनदेन था. प्रापर्टी डीलर ने अपने दफ्तर में प्रधान आरक्षक को बुलाकर हत्या की थी. साथियों के साथ मिलकर शव को सिवनी जिले के बम्होदी में जेसीबी से गड्ढा खोदकर गाड़ दिया गया था. मोबाइल फोन की लोकेशन के आधार पर पुलिस आरोपियों तक पहुंची थी. जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार किया था. 


कोर्ट ने सुनाई आरोपियों को सजा 


बता दें कि मध्य प्रदेश में चांद थाने में ड्यूटी पर तैनात प्रधान आरक्षक विजय बघेल की हत्या एक प्रॉपर्टी डीलर ने कर दी थी. पुलिसकर्मी और प्रापर्टी डीलर से 12 साल रुपये का लेनदेन का मामला था. जिसको लेकर उसने पुलिसकर्मी की हत्या कर साथियों के साथ मिलकर शव को जमीन के अंदर दफना दिया था. पुलिस मामले की जांच शुरू की तो पुलिसकर्मी के मोबाइल फोन की लोकेशन से आरोपियों को ढूंढने में सफल रही थी. इस मामले पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए तीन आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है और अन्य दो आरोपियों को 3-3 साल की सजा दी है.  (सचिन पांडे की रिपोर्ट)


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