Mohan Yadav Cabinet: मध्य प्रदेश सरकार ने मंगलवार (8 अप्रैल) को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई बड़े फैसले लिए. इसका सीधा असर अब प्रदेश की स्वास्थ्य, पशुपालन और बुनियादी ढांचे पर देखने को मिल सकता है. सबसे अहम फैसला निजी मेडिकल कॉलेजों को 1 रुपये प्रति वर्ष की दर से 25 एकड़ सरकारी जमीन देने का रहा, जिससे राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हो सकेगा.

अब तक निजी निवेशकों को मेडिकल कॉलेज के लिए अपनी जमीन की व्यवस्था स्वयं करनी पड़ती थी, लेकिन इस नए निर्णय के तहत पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर उन्हें सरकारी जमीन दी जाएगी. सरकार का मानना है कि इससे मेडिकल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं दोनों के क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा.

जिला अस्पताल रहेंगे सरकारी नियंत्रण में 

एमपी कैबिनेट ने पूर्व में लिए गए एक निर्णय को पलटते हुए यह तय किया कि अब जिला अस्पतालों को निजी डेवलपर्स के हवाले नहीं किया जाएगा. ये अस्पताल सरकारी नियंत्रण में रहेंगे और उनका उन्नयन किया जाएगा. डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने बताया कि अब निजी मेडिकल कॉलेजों को डेवलपर्स से जोड़ा जाएगा. ताकि वे अपने संसाधनों से स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत कर सकें.

आयुष्मान कार्डधारकों को राहत

मोहन यादव की कैबिनेट ने यह भी घोषणा की कि अब आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत आने वाले कार्ड धारकों को जिला अस्पतालों में 75 प्रतिशत सेवाएं निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी. यह फैसला विशेष रूप से गरीब और ग्रामीण आबादी के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा.

पशुपालन क्षेत्र को मिला बढ़ावा

कैबिनेट बैठक में गौमाता को समर्पित योजनाएं भी चर्चा का विषय रहीं. पशु आहार अनुदान को 20 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये कर दिया गया है. इसके अतिरिक्त सरकार ने गौवंश विहार के लिए पीपीपी मोड पर नई नीति को मंजूरी दी है, जिसके तहत निवेशकों को आकर्षित किया जाएगा. 5,000 गौवंश की क्षमता वाले केंद्रों की योजना बनाई गई है, जहां सीएनजी, सोलर ऊर्जा और अन्य उत्पादन किए जा सकेंगे.

बायपास परियोजनाओं को मंजूरी 

कैबिनेट ने राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूती देने के लिए दो बड़ी सड़क परियोजनाओं को मंजूरी दी. केंद्र सरकार से प्राप्त 4300 करोड़ रुपये की राशि में से ग्वालियर पश्चिमी बाईपास और सागर बाईपास का निर्माण किया जाएगा. ग्वालियर बाईपास की लागत 1,426 करोड़ रुपये जबकि सागर बाईपास की लागत 688 करोड़ रुपये होगी.

विद्युत कंपनियों के कैश फ्लो को बरकरार रखने के लिए 12 हजार करोड़ की नगद सुविधा जारी की गई है. पार्वती-काली-चंबल लिंक परियोजना को मंजूरी. 2932 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली यह परियोजना 60,000 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की सुविधा देगी.

अब तक 31.36 लाख मैट्रिक टन गेहूं की खरीद 

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में गेहूं, चना, मसूर, तुअर और सरसों की फसलों की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर की जा रही है. अब तक 31.36 लाख मैट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया जा चुका है. किसानों को 4,012 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है. चना उपार्जन 21 अप्रैल तक चलेगा.

मोदी और अमित शाह के दौरे पर भी हुई चर्चा 

एमपी कैबिनेट की बैठक से पहले सीएम मोहन यादव ने यह जानकारी भी सभी से साझा की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 अप्रैल को अशोकनगर जिले में स्थित आनंदपुर ट्रस्ट आश्रम में होंगे, जहां वो कई योजनाओं का उद्घाटन करेंगे. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 13 अप्रैल को ही भोपाल में रहेंगे, जहां राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और राज्य सरकार के बीच अनुबंध हस्ताक्षर होंगे.