Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश के धार जिले से एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. जहां धार जिले के पाडल्या गांव में खुदाई के दौरान लोगों को गोलाकार पत्थर जैसे वस्तु मिली. ग्रामीण इसे विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग नाम देकर पूजते रहे. यहीं नहीं पाडल्या में भिल्लड़ बाबा का मंदिर बनाया और पटेलपुरा में भी इन पत्थर जैसी वस्तु पूजा की जाने लगी. लोग इनपर बड़ी श्रद्धा के साथ हार, फूल, नारियल और तिलक लगाकर इन्हें पूजते रहे. विशेषज्ञों को जब पता चला तो उन्होंने मौके पर जाकर जांच की.


‘लोग भिल्लड़ बाबा के नाम पर देने लगे बली’
यहीं नहीं लोग यहां भिल्लड़ बाबा के नाम से मुर्गे और बकरे की बलि भी दी जाने लगी. पटेलपुरा में इन पत्थर रुपी वस्तुओं को गोवंश के रक्षक के रूप में पूजा जाने लगा. पाडल्या के अलावा इसके आसपास के गांवों घोड़ा, टकारी, झाबा, अखाड़ा, जामन्यापुरा के लोग भी इनकी पूजा करने के लिए आने लगे.


‘17 साल पहले मिले थे अंडों के 256 जीवाश्म’
इसकी जानकारी किसी तरह विशेषज्ञों को लगी उन्हें पता चला कि डायनासोर के अंडों के 256 जीवाश्म करीब 17 साल पहले लोगों को मिले थे. पाडल्या गांव में डायनासोर फासिल्स जीवाश्म पार्क बनाया गया है. लोग इन डायनासोर की टिटानो-सौरन प्रजाति के जीवाश्म की पूजा करते है. इसके बाद विशेषज्ञों ने मौके पर जाकर इसकी जांच की तो डायनासोर के जीवाश्म होने की सच्चाई पता चली.


बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट आफ पैलियो साइंस लखनऊ के विशेषज्ञों और मध्य प्रदेश वन विभाग के अधिकारियों की तरफ से इसकी जांच की गई थी. जिसके बाद विशेषज्ञों की तरफ से ग्रामीणों को जागरूक किया गया कि जिन्हें वो भगवान समझकर पूज रहे है असल में वो डायनासोर के अंडे है. अब विशेषज्ञों की तरफ से धार जिले को यूनेस्को द्वारा ग्लोबल जियो पार्क के रूप में मान्यता दिलाने की योजना बनाई जा रही है. ताकि जीवाश्म और भू-विरासत स्थलों को संरक्षित रखा जा सके. 


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