MP News: कांग्रेस के विधायक महेश परमार (Mahesh Parmar) ने महाकाल लोक (Mahakal Lok) के निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. इसको लेकर उन्होंने लोकायुक्त से शिकायत की है. इस शिकायती चिट्ठी में उन्होंने कलेक्टर आशीष सिंह का कई बार जिक्र किया है. बता दें कि महापौर का चुनाव हारने के बाद भी उन्होंने आशीष सिंह पर गंभीर आरोप लगाए थे. महेश परमार ने कहा था कि आशीष सिंह के कारण वह चुनाव हारे हैं. हालांकि आशीष सिंह का कहना था कि मतदान और मतगणना दोनों ही निष्पक्ष तरीके से कराए गए हैं. महेश परमार करीब 500 वोट से हार गए ते.


उधर, चुनाव हारने के बाद पूर्व विधायक महेश परमार ने सबसे पहले महाकाल लोक के टेंडर और उससे जुड़े दस्तावेज जुटाने शुरू कर दिए हैं. विधायक महेश परमार के मुताबिक टेंडर से लेकर निर्माण कार्य हर जगह भ्रष्टाचार हुआ है. इसी वजह से मामले की शिकायत लोकायुक्त में की गई है. नगर निकाय चुनाव के बाद ही शिकायत हुई थी. यह मामला व्यक्तिगत द्वेष का नहीं बल्कि मध्य प्रदेश की जनता के साथ हो रही धोखाधड़ी का है.


 शिकायत में कलेक्टर के नाम का कई जगह उल्लेख
कांग्रेस के विधायक महेश परमार ने लोकायुक्त में की गई शिकायत में पूर्व कलेक्टर आशीष सिंह का नाम कई जगह लिखा है. इनके अलावा तत्कालीन नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता और तत्कालीन स्मार्ट सिटी के अधिकारियों के नाम भी लिखे हैं. कलेक्टर महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष होते हैं, इसी वजह से उनके नाम का बार-बार उल्लेख किया गया है.


कांग्रेस के आरोप पर बीजेपी की सफाई
कांग्रेस के विधायक सज्जन सिंह वर्मा का आरोप है कि महाकाल लोक के टेंडर में भारी भ्रष्टाचार किया गया. महाकाल लोक का टेंडर 97 करोड़ में जारी किया गया था. इसके बाद एक बार फिर 97 करोड़ की राशि बढ़ा दी गई. टेंडर की शर्तों के मुताबिक 10 से 15 परसेंट की राशि बढ़ाई या घटाई जा सकती है लेकिन यहां पर शत-प्रतिशत की राशि बढ़ा दी गई. दूसरी तरफ नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के मुताबिक महाकाल लोक में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है कांग्रेस झूठे आरोप लगा रही है.


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