Malegaon Blast Case Hearing: मुंबई की एक विशेष अदालत ने मालेगांव विस्फोट मामले में मेडिकल के आधार पर भारतीय जनता पार्टी की सांसद प्रज्ञा ठाकुर (Pragya Singh Thakur) की व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट संबंधी याचिका शनिवार (20 अप्रैल) को स्वीकार कर ली. कोर्ट ने हालांकि स्पष्ट किया कि यदि वह 25 अप्रैल को अदालत के सामने पेश होने में विफल रहती हैं, तो आवश्यक आदेश पारित किया जाएगा.


बता दें मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल में लगाए गए विस्फोटक से विस्फोट होने के बाद छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे. विशेष एनआईए न्यायाधीश एके लाहोटी ने आठ अप्रैल को प्रज्ञा ठाकुर की मेडिकल स्थिति पर एनआईए द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर भरोसा जताते हुए उन्हें व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दे दी, लेकिन भोपाल लोकसभा सदस्य को 25 अप्रैल को अदालत के सामने उपस्थित रहने के लिए कहा गया.


गंभीर मेडिकल स्थिति का हवाला देकर मांगी छूट
जब शनिवार को अदालत की कार्यवाही शुरू हुई, तो प्रज्ञा ठाकुर ने अपने वकील के माध्यम से व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट के लिए एक आवेदन दायर किया था. साथ ही उन्होंने दावा किया कि वह गंभीर मेडिकल स्थिति का सामना कर रही हैं. याचिका में कहा गया है कि उन्हें उम्मीद है कि वह 25 अप्रैल को अदालत के सामने उपस्थित रहेंगी. 


हालांकि एनआईए ने उनकी याचिका का विरोध करते हुए कहा कि प्रज्ञा ठाकुर द्वारा दिए गए मेडिकल प्रमाण-पत्र में यह उल्लेख नहीं किया गया है कि वह भोपाल से मुंबई जाने या यात्रा करने की स्थिति में नहीं थीं. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि उनके मेडिकल प्रमाण-पत्र से पता चलता है कि उन्हें लगभग एक हफ्ते तक मेडिकल देखभाल जरूरत है. 


कोर्ट ने कहा कि मेडिकल प्रमाण पत्र और वकील की दलीलों पर विचार करते हुए, मेरा मानना है कि वह अंतिम अवसर के रूप में अनुमति की हकदार हैं. अदालत ने उन्हें 25 अप्रैल या उससे पहले अदालत के सामने उपस्थित होने का निर्देश दिया, नहीं तो आवश्यक आदेश पारित किया जाएगा.



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